डीएपी, एनपीके, एनपी खाद के भावों में 60 प्रतिशत की वृद्धि करके प्रति कट्टा 425 से 700 रूपये बढ़ाने की कठोर आलोचना करते हुए इसे खुली लूट बताया

रेवाड़ी, 9 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने एक अप्रैल से मोदी सरकार द्वारा चुपके से किसानों द्वारा प्रयोग किये जाने वाली डीएपी, एनपीके, एनपी खाद के भावों में 60 प्रतिशत की वृद्धि करके प्रति कट्टा 425 से 700 रूपये बढ़ाने की कठोर आलोचना करते हुए इसे खुली लूट बताया। विद्रोही ने कहा कि एक ओर मोदी सरकार किसानों को उनकी फसलों का लागत से डेढ़ गुणा ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का जुमला उछालकर किसानों को ठगती है, पर एमएसपी तय करते समय सभी कृषि खर्चो को शामिल नही करती। वहीं 23 फसलोंं का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने पर भी किसानों को केवल दो या तीन फसलों का केवल 6 प्रतिशत उत्पादन का न्यूनतम समर्थन देती है। देश के 94 प्रतिशत किसानों को फसलों का घोषित एमएसपी नही मिलता है और 23 फसलों में भी कहीं-कहीं गेंहू, धान, सरसों व कपास का एमएसपी पर खरीद होती है। अब फसलों को एमएसपी घोषित करके छोड़ दिया जाता हैे। बाजार में घोषित एमएसपी किसानों को मिले, इसका देश में कोई कानूनी प्रावधान नही है।

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का झांसा देती है, पर कटु सत्य यह है कि किसानों की आय क्या तो घटी है या वहीं की वहीं खड़ी है। मोदी-भाजपा सरकार विगत सात सालों से किसान आय दोगुना करने का बेसुरा राग तो अलापती है, पर दूर-दूर तक किसान आय बढ़ नही रही। पैट्रोल-डीजल पर मोदी सरकार की लूट पहले ही जारी है। डीजल का भाव कांग्रेस राज की तुलना में लगभग डेढ़ से दो गुणा बढ़ गया, इसका मूल कारण है कि कांग्रेस राज की तुलना में मोदी सरकार ने डीजल पर एक्साईज डयूटी में 8 से 9 गुणाा ज्यादा वृद्धि करके किसानों की कमर तोड़ दी। अब रही-सही कसर खेती में प्रयोग होने वाले डीएपी, एनपीके व एनपी खाद भावों में भारी भरकम 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके सरकार ने पूरी कर दी है। मोदी सरकार ने एक अप्रैल से 45 किलो डीएपी खाद का कट्टो 1200 रूपये से बढ़ाकर 1900 रूपये अर्थात प्रति कट्टा 700 रूपये महंगा कर दिया। एमपीके-1 का भावे 600 रूपये प्रति कटटा से बढ़ाकर 1175 से 1775 रूपये कर दिया। एनपीके-दो भाव का 615 रूपये से बढ़ाकर प्रति कट्टा 1185 से 1800 रूपये कर दिया। वहीं एनपी खाद का भाव 425 रूपये से बढाकर प्रति कट्टा 925 से 1350 रूपये कर दिया। इसी तरह खेती में प्रयोग होने वाले रासायनिक खाद का भाव 425 से 700 रूपये प्रति कट्टा बढ़ाकर मोदी सरकार ने घाटे की खेती के कारण कर्ज बोझ में पीसे किसान को और दबा दिया। 

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार हर वर्ष किसानों को 6 हजार रूपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि देने का ढिढौंरा तो पीटती है, पर किसानों के प्रयोग किये जाने वाले डीजल, रासायनिक खाद, बीज, बिजली, कृषि यंत्रों के भाव बढ़ाकर प्रति किसान हर वर्ष दस हजार रूपये से ज्यादा हडप लेती है। किसान सम्मान निधि के नाम पर मोदीे सरकार जितना एक साल में देती है, उससे दोगुना धन सरकार कृषि प्रयोग में होने वाली वस्तुओं के भाव बढाकर हडप लेती है। वहीं तीन काले कृषि कानूनों को जबरदस्ती किसानों पर थोपकर हम दो-हमारे दो को लाभ पहुंचाने किसान का सबकुछ हडपकर उसे खेतिहर बंधुआ मजदूर बनाने का षडयंत्र अलग से रच रही है। विद्रोही ने कहा कि तभी तो साढे चार माह से आंदोलरत किसानों की बात सुनना तो दूर, इस आंदोलन में 350 से ज्यादा शहीद हुए किसानों की मौतों का भी मजाक उड़ा रही है। आमजन यदि मोदी सरकार के किसानों को लूटने के षडयंत्र के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के साथ नही खड़े होंगे तो देश के 138 करोड़ लोगों को अनाज, दाले, सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थो के कितने महंगे दाम चुकाने होंगे, इसकी वे कल्पना भी नही कर सकत है। 

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