आज मुख्यंमत्री, उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा सांसद, विधायक सरकार भक्त अहीरवाल क्षेत्र को छोडक़र प्रदेश में कहीं भी राजनीतिक व सामाजिक कार्यक्रम तक नही कर पा रहे है। यहां तक शादी-ब्याह व मौत संवेदना बैठकों तक में सम्मिलित नही हो पा रहे है।

रेवाड़ी, 8 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने एक बयान में कहा कि बुधवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन करके व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी कि क्या तो वे किसानों व और कृषि कानूनों के प्रति अपना रवैया बदले अन्यथा हरियाणा में कांग्रेस, भाजपा सरकार के खिलाफ एक जोरदार जनआंदोलन करने को मजबूर होगी।

विद्रोही ने कहा कि भारत के 74 साल के प्रजातांत्रिक इतिहास में जितना सत्ता अहंकार वर्तमान भाजपा सरकार को है, ऐसा सत्ता अहंकार व आंदोलनकारी किसी वर्ग के प्रति अपमानजनक व्यवहार किसी भी सरकार का नही रहा है। हरियाणा में खुद भाजपा वर्षो तक विपक्ष में रहककर विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करती रही है। मेरा भाजपोई-संघीयों व मुख्यमंत्री खट्टर से सीधा सवाल है कि क्या किसी भी दल की सरकार ने हरियाणा में आंदोलन करने पर भाजपाई-संघीयों के प्रति ऐसा अपमानजनक व्यवहार किया है जैसा सत्ता अहंकार में भाजपा खट्टर सरकार किसान आंदोलन व किसान नेताओं के प्रति कर रही है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपाईयों की सत्ता अहंकार व अभद्र भाषा का ही यह दुष्परिणाम है कि आज मुख्यंमत्री, उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा सांसद, विधायक सरकार भक्त अहीरवाल क्षेत्र को छोडक़र प्रदेश में कहीं भी राजनीतिक व सामाजिक कार्यक्रम तक नही कर पा रहे है। यहां तक शादी-ब्याह व मौत संवेदना बैठकों तक में सम्मिलित नही हो पा रहे है। संघी भाईयों को गंभीरता से विचारना चाहिए कि आखिर हरियाणा में ऐसी परिस्थितिया बनी क्यों? आमजन व किसान वर्ग भाजपा-संघी नेताओं सेे इतना खफा क्यों है कि उन्हे मौत संवेदना बैठकों में भी शामिल नही होने दे रहा है?

  विद्रोही ने कहा कि इससे पहले हरियाणा में 1986-87 में ऐसा व्यवहार 24 जुलाई 1985 के राजीव लोंगेावल समझौते के नाम पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री, संतरियों के साथ कथित न्याय युद्ध के नाम पर आमजन किया करते थे। अब 43 वर्ष बाद फिर से ऐसी परिस्थितियों पैदा हुई है जिसके चलते कृषि कानूनों पर भाजपा-जजपा सरकार के तनाशाहीपूर्ण, किसान विरोधी रवैये से किसान व ग्रामीण इस कदर खफा है कि दक्षिणी हरियाणा को छोडकर शेष हरियाणा में एक तरह से भाजपाईयों का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नही है। ऐसी स्थिति में भाजपा-जजपा सरकार को अपना आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है। विद्रोही ने कहा कि बुधवार को एक ऐसा ही ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से रेवाड़ी में भी कांग्रेसजनों ने दिया जिसमें वे खुद भी शामिल थे। 

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