भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आज प्रदेश अध्यक्षा कुमारी शैलजा के आदेश पर सारे हरियाणा में कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा। इसी कड़ी में गुरुग्राम कांग्रेस ने भी औपचारिकता निभाई लेकिन उसमें भी दो पूर्व मंत्रियों की लड़ाई सामने आई। गुरुग्राम में पिछले काफी समय से गुरुग्राम कांग्रेस मृतप्राय है। इसका कारण शायद यह भी हो सकता है कि कैप्टन अजय यादव भी अपना लोकसभा का चुनाव हारे थे और सुखबीर कटारिया अपना विधानसभा का। फिर कांग्रेस में संगठन नाम की चीज है ही नहीं। अत: दोनों पूर्व मंत्री अपनी हार से हताश हैं और राजनैतिक गतिविधियों में हिस्सा कम ही लेते नजर आते हैं। कैप्टन अजय यादव किसान आंदोलन को बढ़ता देख जरूर कुछ हरकत में आए। सोचा होगा कि इस समय में अपना जनाधार बढ़ाया जा सकता है। आज के इनके विवाद का कारण कुछ मन घुटी कुंठाएं और अपने-अपने वर्चस्व की पहचान हो सकती है। हुआ यूं कि कैप्टन अजय यादव ने कार्यक्रम बनाया था कि सभी कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय पर एकत्र होंगे और वहां से मार्च करते हुए ज्ञापन देने जाएंगे लेकिन अनेक कार्यकर्ता सीधे ज्ञापन स्थल पर पहुंच गए। अत: कार्यालय से एकत्र होकर जो कांग्रेसी जा रहे थे, वे आम जनता को कांग्रेस की स्थिति को भली प्रकार दर्शा रहे थे। प्रदेश के कार्यक्रम में भी इनकी संख्या अपने आप इनका जनाधार बयां कर रही थी और शायद यही बात कैप्टन अजय यादव को नागवार गुजरी और वह इसी बात पर पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया पर नाराज हो गए कि वह कार्यालय से क्यों नहीं शामिल हुए और मामला बढ़ गया। कांग्रेसी इसे कैप्टन अजय यादव और भूपेंद्र हुड्डा के 36 के आंकड़े को जोडक़र भी देख रहे हैं। गौरतलब है कि किसान आंदोलन में कितने साथ हैं वह इसी बात से पता लग जाता है कि गुड़गांव में भी किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है वहां इनकी या कांग्रेसियों की उपस्थिति नहीं देखी जाती । Post navigation गुरुग्राम का सदर बाजार आग की चपेट में कई दुकानें राख कोरोना टीकाकरण का कार्य चल रहा है युद्धस्तर पर