सरकार जनता की हितेषी बनने का झूठा दिखावा कर रही.
लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस माफ करने के निर्देश दिए

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
 राज्य सरकार जनता की हितेषी बनने का झूठा दिखावा करती है। कोविड 19 को एक साल हो गया और पिछले 1 साल से किसी भी  स्कूूल में कक्षाएं नही लगी। बावजूद इसके निजी  स्कूूल अभिभावकों से मनमाने स्कूूल फीस वसूल करने में लगे हैं। इस अहम मुद्दे पर सरकार मौन धारन करे हुई है। जबकि लॉकडाउन के दौरान राज्स सरकार ने स्कूल फीस माफ करने के निर्देश स्कूलों को दिए भी थे, उसके बावजूद स्कूलों का फीस वसूल करना साफ दर्शाता है कि सरकार का भी इसमें हाथ है। यह बातें पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने जारी ब्यान में कही।

कांग्रेस नेता यादव ने कहा कि शिक्षा कानून के अनुसार स्कूल फीस में सरकार पूर्ण नियंत्रण करेगी। कानून के अनुसार स्कूल द्वारा दी जा रही सभी सुविधा सु्अवसर के अनुसार अभिभावकों की सहमति सहित जन शिक्षा विभाग फीस निर्धारित करेगी। स्कूल अगर उक्त निर्देश को नही मानती तो सरकार उनकी एनओसी या मान्यता वापस ले सकती है। यदि सब कुछ राज्य सरकार के हाथ में है तो फिर स्कूल सरकार के आदेश क्यों नही मान रहे। अभिभावकों की शिकायतों के बावजूद भी सरकार निजी स्कूलों पर कार्रवाई क्यों नही कर रही है।

कैप्टेन अजय सिंह यादव ने कहा कि गुरूग्राम में मेरे पास बहूत से अभिभावक आएं और बहूत से अभिभावकों ने फोन पर बात कर अपनी समस्याएं बताई हैं कि लॉकडाउन होने की वजह से किसी की नौकरी चली गई तो किसी के व्यापार में नुक्सान हो गया। जबकि निजी स्कूल अपनी पूरी फीस लेने पर तुले हुए हैं। कुछ निजी स्कूल तो फीस की किस्त भी नही बना रहे हैं। कह रहे हैं या तो फीस जमा कराओ अन्यथा आपके बच्चे का एक साल खराब कर देगें। ऐसे में अभिभावकों के पास कोई रास्ता नही बचा है।

कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि मेरी सरकार से मांग है कि इस समस्या का समाधान प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए। पिछले एक साल में कक्षाएं नही लगी है तो फीस में छूट तो देनी ही चाहिए। अब तो सिर्फ टयुशन फीस लेनी चाहिए और यदि कोई जरूरतमंद है तो उसको टयुशन फीस में भी झूठ देनी चाहिए। शिक्षा का तो मौलिक अधिकार है। यदि निजी स्कूल ऐसे मनमानी करते रहे तो बहूत से विद्यार्थी शिक्षा से वंचित रह जाएगें। इसलिए प्रदेश सरकार को इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।

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