किसानों ने बताया तीनों कृषि कानूनों को डेथ वारंट, काली होली मनाने का लिया फैसला चरखी दादरी जयवीर फोगाट होली का त्यौहार जहां पूरे रंग चाव और उल्लास से मनाया जाता था लेकिन तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार के अड़ियल रवैये ने इसे बेरंग कर दिया है। आज कितलाना टोल पर किसानों ने इन काले कानूनों को अपने लिए डेथ वारंट बताया। उन्होंने तीनों कानूनों की प्रतिलिपियों का होलिका दहन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही। किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रोष जताते हुए काली होली मनाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में देश के अन्नदाता ने किसी भी नागरिक को फल, दूध, अनाज व सब्जियों की कमी महसूस नहीं होने दी। यहां तक की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को भी किसानों ने ही संभाला। उसका सिला किसानों को इन तीन काले कानूनों के साथ पराली जलाने पर एक करोड़ जुर्माना और 5 साल की सजा के रूप में मिला। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात तो 75 बार कह चुके हैं पर किसानों की बात सुनने को राजी नहीं है। इस आंदोलन के दौरान 300 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं पर उनके मुंह से संवेदना का एक शब्द तक नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून ना केवल सरकारी मंडियों को खत्म कर देंगे साथ में एमएसपी भी नहीं बचेगी इससे किसान तो बर्बाद होंगे ही आढ़ती भी नहीं बचेंगे। गरीबों के लिए बेहद जरूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली बंद हो जाएगी जिससे उन्हें सस्ता अनाज व दालें नहीं मिलेंगी। असीमित भंडारण से महंगाई सिर चढ़कर बोलेगी और गरीब को निवाला मिलना मुश्किल हो जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में भी बड़ा खतरा है, बड़ी कंपनियों का सामना करना साधारण किसान के बूते से बाहर है। इस अवसर पर खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवन्त नंबरदार, मास्टर रघुबीर श्योराण, रामोतार बलियाली, रत्तन जिंदल, करतार सिंह गिल, सुभाष यादव, दिलबाग ढुल, मन्नी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन में इतनी शहादत होने के बावजूद चुप्पी साधे हुए है जो समझ से परे है। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, बाबा सदानंद सरस्वती, रोशनी सहरावत, सुरजभान सांगवान, राजू मान, कमल प्रधान, धर्मपाल महराणा, सुरेश फौगाट, रमेश कोच, शमशेर फौगाट, रामानंद धानक, सुखदेव पालवास, नरेश शर्मा, बलबीर बजाड़, दिलबाग ग्रेवाल, सज्जन मैनेजर, कप्तान रामफल, पोपी कालुवाला, रामोतार शर्मा, प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, जगदीश हुई, बबलू इत्यादि मौजूद थे। आज भी टोल फ्री रहा। Post navigation तीनों काले बिलों की जलाएंगे होली : नरसिंह डीपीई उपायुक्त कार्यालय के सामने किसानों ने कृषि कानूनों की होली जलाकर विरोध जताया