तीनों काले बिलों की जलाएंगे होली : नरसिंह डीपीई

ऐतिहासिक भारत बंद के लिए जताया आभार, कितलाना टोल पर 93वें दिन धरना जारी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

तीन काले कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में 300 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं उसके बावजूद सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया है कि होली के दिन इन कानूनों की प्रतिलिपियों की धरनास्थल पर होली जलाई जाएगी। यह बात खाप सांगवान 40 के सचिव व टोल अध्यक्ष मंडल के सदस्य नरसिंह डीपीई ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार को मुद्दे की गंभीरता समझनी चाहिए और वार्ता के लिए आगे बढ़ना चाहिए।                 

दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, गंगाराम श्योराण और किसान नेता राजू मान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद बेहद शांतिपूर्ण और ऐतिहासिक रहा। उन्होंने बंद के लिए इलाके की सभी खापों, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी, कर्मचारी संगठनों के साथ सभी व्यापार मंडल, बार एसोसिएशन, सब्जी मंडी और अनाज मंडी के आढ़तियों का आभार जताते हुए कहा कि सभी ने अटूट एकजुटता दिखाई और भिवानी- दादरी जिले के सभी नागरिकों के सहयोग से बंद के पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए।               

 उन्होंने कहा कि अम्बानी और अडानी को खुश करने के लिए मोदी ने आम आदमी से नाराजगी मोल ले ली है जो उन्हें महंगी पड़ेगी। प्रधानमंत्री के झूठ की पोल खुल चुकी है। देश के अन्नदाताओं की जीत निश्चित है और सरकार को तीनों काले कानून रद्द करने पड़ेंगे। 

 कितलाना टोल पर नरसिंह डीपीई, बलबीर बजाड़, धर्मबीर समसपुर, राजकुमार हड़ौदी, सत्यवान बलियाली, दिलबाग ग्रेवाल, करतार सिंह गिल, रतन्नी देवी, बिमला कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। उनके अनुसार चाहे कितना ही वक्त लग जाये पर तीनों काले कानून वापिस करवा एमएसपी की गारंटी लिए बिना पीछे नहीं हटेंगे।               

 धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, मास्टर राजसिंह, दिलबाग ढुल, रणधीर घिकाड़ा, अजीत सिंह सांगवान, अनूप राठी, प्रोफेसर जगमिंद्र, ऋषिराम, शमशेर सांगवान, मंगल सुई, सत्यवान कालुवाला, मीरसिंह निमड़ीवाली, रत्तन सिंह, राजबीर बोहरा, सरपंच राजकरण, धनसिंह बिरही, रामकिशन सेठ, सतपाल पंडित, निर्मला देवी, ओमपति, कमला, महेंद्र प्रजापति, रामफल देशवाल, दल सिंह नम्बरदार बलियाली इत्यादि मौजूद थे।

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