बाजार बंद होने के साथ रेल और रोड़ भी होंगे जाम
कितलाना टोल पर 90वें दिन अंधड़ से बिखरे टेंट की जगह बांस और जाली लगाने का काम शुरू

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 मार्च का भारत बंद ऐतिहासिक होने के साथ कुम्भकर्णी नींद में सोई सरकार की आंखें खोल देगा। यह बात खाप सांगवान 40 के सचिव और टोल अध्यक्ष मंडल के सदस्य नरसिंह डीपीई ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बंद को लेकर इलाके की खापों, किसान, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों ने कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि हर वर्ग में बंद को लेकर भारी उत्साह है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों की आड़ में अपने चहेतों को मालामाल करना चाहते हैं। वो गरीबी को नहीं बल्कि गरीबों को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के आम जनमानस की समझ में आ गया है कि तीनों काले कानून किसान और मजदूर समेत सभी वर्गों का बड़ा नुकसान करने वाले हैं। इसलिए सबने मिलकर किसान आंदोलन को जनांदोलन बना दिया है। सरकार को हर सूरत में तीनों काले कानून रद्द करने पड़ेंगे।               

 कितलाना टोल पर धरने के 90वें दिन फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवंत नम्बरदार, मास्टर राजसिंह, मंगल सुई, राजकुमार हड़ौदी, रणधीर कुंगड़, रतन्नी देवी, मूर्ति देवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि 26 मार्च दादरी जिले में फतेहगढ़ में और भिवानी जिले में सिवानी, कालुवास फाटक, सुई और लोहारू में ट्रेन रोकी जाएंगी। इसके साथ सभी जगह बाजार बंद करवाने के साथ अनेक जगह रोड़ जाम किये जाएंगे। उन्होंने जिले के क्रेशर यूनियनों से बंद में सहयोग करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि जाम के दौरान एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और स्कूल बसों को आने जाने की छूट दी जाएगी।               

 कल आये तेज अंधड़ से जहां धरने के टेंट को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया था उसकी जगह बढ़ती गर्मी देख किसानों ने बांस और जाली लगानी शुरू कर दी है जिसके ऊपर पराल डाली जाएगी। धरने का मंच संचालन मास्टर राज सिंह ने किया। आज भी टोल फ्री रहा।   

  इस अवसर पर पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, सुरजभान सांगवान, राजू मान, कमल प्रधान, ईश्वर सिंह पटवारी, दिलबाग ढुल, प्रोफेसर राजेन्द्र, जीवनराम, प्रेम सिंह, बलबीर पूर्व सरपंच, प्रोफेसर जगमिंद्र, अजित सिंह ईटीओ, होशियार सिंह कमिश्नर, ऋषिराम, मीर सिंह निमड़ीवाली, रत्तन सिंह ऑडिटर,  पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह, बीरमति, राजेंद्र फतेहगढ़ इत्यादि मौजूद थे।

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