लोक कला किसी भी समाज और संप्रदाय की अपनी पहचान होती है: भारती सैनी

~ मोहल्ला पुरानी सराय में होली मिलन समारोह एवम सांग उत्सव का आयोजन

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । लोक कला किसी भी समाज और संप्रदाय की अपनी पहचान होती है। जिस प्रकार इंसान का नाम से उसे पहचान मिलती है,उसी प्रकार लोक कला समाज का वजूद होती है। आज के एकाकी जीवन और बुजुर्गो की अनदेखी भरे दिनों में लोगों का इतनी संख्या में इकट्ठा होंना इस बात का परिचायक है कि मोहल्ला पुरानी सराय कलाकारों की ऐसी भूमि है जिसने अलग अलग विधाओं के दर्जनों प्रतिभाओं को जन्म दिया है। लुप्त होने की कगार पर बैठी लोक परंपरा को पुनःजागृत करना संजीवनी देने के समान है। उक्त उदगार नगर परिषद की अध्यक्षा भारती सैनी ने मोहल्ला पुरानी सराय में आयोजित होली मिलन समारोह एवम सांग उत्सव के दौरान रखे।

कार्यक्रम की शुरुआत काशी भगत ने गणेश वंदना और गुरु वंदना गाकर की। उसके बाद मोहल्ले के दुलीचंद सैनी ने गौरी वंदना कर माता का गुणगान किया। धार्मिक क्रम को आगे बढ़ाते हुए धरशू से आए अमर सिंह ने माता के पवित्र स्थानों को अपने गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। सांग की शूरुआत नांगतिहाड़ी से आई हरियाणा युवा सांस्कृतिक मंच ने की। जीवन के लगभग 6 से अधिक दशक पार कर चुके टोली के सभी कलाकारों के जोश और बानगी ने पंडाल में मौजूद युवाओं को भी हैरत में डाल दिया। गहली से आई पार्टी के अस्सी वर्षीय मुख्तयार सिंह को बहू और पैंसठ वर्षीय रगबीर ने सास के रूप में स्वांग भरकर सास बहू की तीखी नोकझोक से दर्शको को हँसा हँसा के लोटपोट कर दिया। इसी गांव से आए कुलदीप और उसके साथियों ने मर्द वीर के रोजमर्रा के काम में अपनी अपनी महत्वता को दोहा,छंद,चमोला में संजो कर माहौल को खुशनुमा बना दिया। 

कुलदीप,रगबीर और मेहरदीन ने लौहार-लुहारी के सांग में अपने अपने किरदार को इतनी बखूबी से निभाया कि दर्शकों को पात्रों और वास्तविक अदाकारों के बीच  अंतर कर पाना मुश्किल हो गया। वरिष्ठ लोक कलाकार राजाराम सैनी और ओमप्रकाश सैनी ने भी अपने सुरीले अंदाज में पति पत्नी की मीठी नोकझोक को मंच के माध्यम से रखा।इसके बाद जयसिंह उर्फ बबली तथा नरेश बादल ने भी अपने गीतों से दर्शकों का मनोरंजन किया।वृद्ध कलाकार महाशय संतलाल ने अपने तत्काल लेख से मोहल्ला पुरानी सराय के कलाकारों, समाजसेवियों और इतिहास को दोहाबद्ध कर दर्शकों के सामने रखा। 

चंडीगढ़ से कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये प्रसिद्ध दिवंगत रंगकर्मी ज्ञानचंद सोनी के पुत्र मनमोहन सोनी ने बचपन की शरारतों को गीत के द्वारा रख सभी को गुदगुदाया। देर शाम तक जारी कार्यक्रम में युवा गायक उमेश कुमार,शेखपुरा से आये बिल्लू बादशाह,वेदप्रकाश भारती और भीम कुमार ने भी गीत,भजन,रागनी के माध्यम से अपनी बात रखी। इस अवसर पर मनोनीत पार्षद सरला यादव,आर एसओ मंजू सोनी,टाइगर क्लब के प्रधान राकेश यादव के अलावा कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्यों के अलावा मोहल्ले के साथ साथ आस पास के सैंकड़ो बुजुर्ग, युवा,बच्चे और महिलायें मौजूद रहे।

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