कितलाना टोल पर 87वें दिन किसानों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने पर वक्ताओं ने कहा कि तीनों काले कानून अंबानी-अडानी जैसे बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए कोरोना की आड़ में लाए गए हैं। सरकार को ये गलतफहमी रही कि लोग इस महामारी के कारण घर से नहीं निकलेंगे पर इन तीन कानूनों के खतरे भांप देश का किसान,मजदूर,व्यापारी और कर्मचारी एकजुट हो सड़कों पर उतर गए हैं। विभिन्न टोलों के साथ दिल्ली के चारों ओर धरने पर बैठे लाखों किसान इस बात का साफ संकेत दे रहे हैं कि वो अब ओर शोषण सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह समय किसानों के हाथ मजबूत करने का है। इसलिए सभी राजनैतिक लोगों को खुलकर किसान आंदोलन का  साथ देना चाहिए। 

   किसान नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि तीनों काले कानून लागू होने के बाद असीमित भंडारण की छूट मिलने से कालाबाजारी बढ़ेगी जिससे महंगाई सिर चढ़कर बोलेगी और गरीब व मध्यम वर्ग के लिए अपने बच्चे पालना मुश्किल हो जाएगा। मंडी व्यवस्था चरमरा जाएगी और किसान महज अपनी जमीन पर दास बनकर रह जाएगा। अनुबंध खेती का करार भी बड़ा खतरा है जिसमें विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट में जाने का प्रावधान किया गया है। आम आदमी जानता है कि वहां सत्ता और पूंजीपतियों के आगे उनकी एक नहीं चलने वाली है। यही वजह है कि ये किसान आंदोलन बड़ा जनांदोलन बन गया है जिसमें सभी वर्ग शामिल हैं।               

कितलाना टोल पर 87वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, गंगाराम श्योराण, दिलबाग ग्रेवाल, मास्टर दीवान सिंह जाखड़, प्रेम शर्मा कितलाना, धर्मपाल सनसनवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार को वार्ता में बना गतिरोध तोड़ना चाहिए और किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए।               

 धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान, सुरजभान सांगवान, राजकुमार हड़ौदी, प्रोफेसर जगमिंद्र,राजू मान, धर्मेंद्र छपार, अशोक तिवाला, मुकेश पहाड़ी, कृष्णा सांगवान, सत्यवान कालुवाला, बीरमति, निम्बो, रतन्नी, मामकौर, कप्तान रामफल, प्रेम सिंह, सुरेश, निहाल सिंह डोहकी, अजित सिंह ईटीओ, कमल सिंह झोझू, जगराम, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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