भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम – भाजपा संगठन में बिखराव अब स्पष्ट नजर आने लगा है। भाजपा संगठन के और सत्ता के नेता भी असंतुष्ट नजर आते हैं। हर कोई अपनी स्थिति मजबूत करने की चेष्टा में लगा है लेकिन उसमें भी उन्हें संगठन और सत्ता का सहयोग नहीं मिलता, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता जा रहा है।

रविवार को मुख्यमंत्री 1370 करोड़ रूपए की 159 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। भाजपा के ही वरिष्ठों से हुई बात के अनुसार उनका कहना है कि मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री हैं, उनका तो हर काम में योग है, हर जगह उनका नाम है, यदि यही 159 परियोजनाएं मंत्रियों, विधायकों व पार्टी के अन्य पदाधिकारियों द्वारा कराई जाती हैं तो पार्टी का कितना जनाधार बढ़ता।

आज राव इंद्रजीत गुरुग्राम के दौरे पर थे। यहां स्पष्ट नजर आया कि पार्टी गुटों में बंटी हुई है। गुरुग्राम में इंद्रजीत का एक चैरिटेबल मेडिकेयर सेंटर के उद्घाटन का सामाजिक कार्यक्रम था, उसमें विधायक सुधीर सिंगला और मेयर इनके साथ थे। कार्यक्रम वैश्य बिरादरी का था, अत: एमएलए को तो उसमें सम्मिलित होना ही था और मेयर हैं ही इनके गुट की। बाकी पार्टी के पदाधिकारी नजर नहीं आए। एक और मजेदार घटना घटित हुई कि विधायक सुधीर सिंगला जो बाजार के हमदर्द माने जाते हैं, उनके अपने भाई की दुकान भी सदर बाजार में है और मेयर का अपना मकान भी सदर बाजार में ही है और उसी सदर बाजार की समस्याओं को सुधारने के लिए भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री को कहता है। ये कैसा अनुशासन है, कैसी पार्टी!

पटौदी में केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में विधायक उपस्थित नहीं था। पूर्व विधायक उपस्थित थी और मंत्री लोगों से कहते हैं कि आपकी कोई समस्याएं हैं तो पूर्व एमएलए बिमला चौधरी और सरपंच से कहिए, निवारण होगा। संगठन और विधायक का जिक्र नहीं।

इसी प्रकार के असंतोष पार्टी में बढ़ते जा रहे हैं। अभी संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति भी होनी है और मंत्रीमंडल विस्तार, चेयरमैनों की भी नियुक्ति होनी है। देखो क्या होता है?