– मेयर मधु आजाद, निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह, सयुंक्त आयुक्त धीरज कुमार सहित निगम पार्षदों ने गुरुग्राम के नागरिकों से मिले सहयोग के लिए किया धन्यवाद – सोमवार को गुरुग्राम के नागरिक 10वें जीरो वेस्ट डे को और भी अधिक सफल बनाएंगे

गुरुग्राम, 21 मार्च। सोमवार को गुरुग्राम में 10वें जीरो वेस्ट डे मनाया जाएगा। जीरो वेस्ट डे की शुरुआत 25 दिसम्बर 2020 को सुशासन दिवस पर नगर निगम गुरुग्राम द्वारा की गई थी। उस समय प्रत्येक माह की 25 तारीख को जीरो वेस्ट डे मनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन 2 बार मनाए गए जीरो वेस्ट डे की सफलता और नागरिकों से मिले अपार समर्थन को देखते हुए इसे प्रत्येक सोमवार को मनाने का निर्णय लिया गया। 

गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद तथा निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जीरो वेस्ट डे के दौरान नागरिकों से मिल रहे भरपूर समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को कचरा प्रबंधन का महत्व समझाने की और जीरो वेस्ट डे महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। चार प्राथमिक श्रेणियों में कचरे को अलग करने के बारे में सभी नागरिकों को बड़े पैमाने पर जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत हरे डस्टबिन में गीला कचरा, नीले डस्टबिन में सूखा कचरा, पीले डस्टबिन में सेनिटरी एवं मेडिकल कचरा तथा ग्रे डस्टबिन में इलेक्ट्रॉनिक कचरा अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रत्येक सोमवार को मनाए जाने वाले जीरो वेस्ट डे को इकॉग्रीन की गाड़ियां, सब-कांट्रेक्टर एवं बीडब्ल्यूजी द्वारा केवल गीला कचरा ही कलेक्ट किया जा रहा है। इस दिन गीले और मिश्रित कचरे को स्वीकार नहीं किया जाता। यह नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि भविष्य में जल्द ही मिश्रित कचरा एकत्रित नहीं किया जाएगा। निगम गुरुग्राम द्वारा मनाए जाने वाले जीरो वेस्ट डे के दौरान नागरिको द्वारा निभाई जाने वाली जिम्मेदारियों के बारे में मीडिया, रेडियो एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। 

क्या है जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट : जब 1 टन कचरा एक लैंडफिल तक पहंचुता है तो यह जीवनकाल के लिए 2.93 टन ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन करता है। ज़ीरो वेस्ट, वह अवधारणा है जिसमें कचरे को जिम्मेदारी से इस तरह प्रबधित किया जाता है कि ज़ीरो कचरा लैंडफिल तक पहुंचता है। यह तब किया जा सकता है जब नागरिक अपने कचरे का विश्लेषण करते हैं, उन्हें कचरे को कम करने, पुन: उपयोग, रीसायकल और पुनर्चक्रण द्वारा सूखे कचरे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। गीले कचरे को संतुलित करते हैं, उन्हें घर में खाद या सामुदायिक खाद या किसी भी नगरपालिका खाद संयत्रं द्वारा खाद में परिवर्तित कि या जाएगा। इस प्रकार, कचरे को शून्य कचरे में कम कर दिया जाएगा।

गुरुग्राम में जीरो वेस्ट डे की अब तक कि प्रगति : नगर निगम गुरुग्राम के सयुंक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) धीरज कुमार के अनुसार अब तक 9 जीरो वेस्ट डे मनाए गए हैं और 22 मार्च को गुरुग्राम में 10 वां जीरो वेस्ट डे मनाया जाएगा। पहले जीरो वेस्ट डे में 85 टन गीला कचरा एकत्रित किया गया था, जो अब 155 टन तक पहुंच गया है। निवासियों से प्राप्त गीला कचरा दरबारीपुर में खाद संयत्रं में भेजा जाता है। संयत्रं में प्रतिदिन 10 टन की क्षमता है। पूरे गीले कचरे को एकत्रित करने के लिए नगर निगम अधिक कम्पोस्टिग प्लांट्स आवटित करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने बताया कि शून्य कचरा दिवस की सफलता जागरूकता कार्यक्रम में शामिल विभि न्न एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के बीच टीम वर्क के कारण हईु है। इनमें नगर निगम गुरुग्राम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर कुलदीप सिंह, आई एम गुड़गांव, ई-स्वच्छ सहित अन्य संस्थाओं ने विभिन्न माध्यमों से जागरूकता फैलाई। उन्होंने 10वें जीरो वेस्ट डे पर गुरुग्राम के नागरिकों से अब तक मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत होकर कहा कि जल्द ही हम सप्ताह में दो बार जीरो वेस्ट डे मनाएंगे। इससे नागरिकों के व्यवहार में बदलाव आएगा और धीरे-धीरे गुरुग्राम लैंडफिल साइट में कचरा भेजना बन्द कर देगा और हम शून्य कचरे के लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। 

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