मोदी सरकार देश को पूजींपतियो के हाथों बेच रही

किसानों और आम लोगों में व्यापक गुस्सा निरंतर बढ़ रहा.
सम्प्रभुता, आजादी और संविधान को बचाने का संकल्प लिया.
नौजवानों का किसान आन्दोलन में हिस्सेदारी बढ़ाने का जोश

फतह सिंह उजाला
खेड़ा बार्डर।
 दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे के शाहजहाँपुर-खेड़ा बार्डर पर किसान- नेताओं ने आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि खेती और किसानों के खिलाफ केंद्र के तीनों कृषि कानूनो को रद्द नही करने एवं हाल में पट्रोलियम पदार्थों में हुई बेतहाशा मूल्य वृद्धि से किसानों और आम लोगों में व्यापक गुस्सा है। मोदी  सरकार देश को पूजींपतियो के हाथों बेच रही है । ऐसे में देश के नौजवानों ने आगे बढ़कर इस किसान आन्दोलन में अपनी हिस्सेदारी को बढाते हुये देश की सम्प्रभुता, आजादी और संविधान को बचाने के लिए आगे आने का संकल्प ले लिया है। आने वाले दिनों में इसका असर आंदोलन के सभी कार्यक्रमों में दिखाई देगा।

17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य जन-संगठनों,देश के छात्र-युवा संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत-बंद को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन आयोजित की जाएगी।19 मार्च को मुजारा लहर का दिन मनाया जाएगा और एफसीआई और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बोर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे। 26 मार्च को इस अन्दोलन के 4 महीने होने पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा। 28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे। इन सभी कार्यक्रमों में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी और इसके लिए देश भर में जोरदार तैयारियां चल रही हैं।

सरकार कंगाल और जनता कंगाल
किसानों ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की मोदी-सरकार ने अपनी दिवालिया नीतियों और विचारधारा के चलते देश को आर्थिक रूप से कंगाली की हालत में पहुंचा दिया है। देश की सरकार कंगाल, देश की जनता कंगाल, पर भाजपा-आरएसएस, उसके नेता और उनके आका पूंजीपति मालामाल। एक ओर उसने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत पिछले एक साल मे 445 रुपये से बढ़ा कर 819 कर दिया है, दूसरी ओर डीजल व पेट्रोल के दाम मे टैक्स की मात्रा 60 फीसदी कर जनता से वसूली बढ़ा दी है। भाजपा भाजपा-आरएसएस सरकार महंगाई बढाकर अपनी नाकामी का बोझ जनता पर डाल रही है। ये तीनों कानून न केवल किसानों की जमीन, बल्कि तमाम मण्डियों सहित देश के समूची खाद्य सुरक्षा को विदेशी व घरेलू-कारपोरेट घरानों के हवाले करने का काम करेंगेगे। इनसे किसान जमीन से बेदखल, जनता कंगाल हो जाएगी और कम्पनियां मालामाल  हो जाएंगी। किसान आमसभा को राजवीर सिंह, रामकिशन महलावत, राजाराम मील, का.अमराराम, बॉबी शेखों, प्रियंक, रूड सिंह, पंडित घनचक्कर, राजनेत यादव, रणजीत रेणा, देवेंद्र यादव, राधेश्याम शुक्लावास, गुरजीत सिंह, राजेन्द्र यादव , डॉ.संजय माधव सहित अन्य के द्वारा भी संबोंधित किया गया।

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