प्रशासन बेकाबू, कानून-व्यवस्था बेहद लचर
कितलाना टोल पर 82वें दिन अनिश्चित कालीन धरना जारी, टोल रहा फ्री

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

गर्मी की शुरुआत हुई है और अभी से जनता पानी के लिए तरस रही है। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अधिकतर नहरें सुखी पड़ी हैं जिसके कारण अनेक गांवों के टैंक घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। लोगों को मजबूरी में टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है जो उन्हें बहुत महंगा पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत से टैंक घरों को नहरों से अभी तक नहीं जोड़ा गया है इससे वो सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों के विरुद्ध उनका संघर्ष जारी रहेगा साथ में सामाजिक सरोकारों के मुद्दों को भी उठाते रहेंगे।           

 उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता के नशे में चूर है और उसे जन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। कानून व्यवस्था का बुरा हाल है हर रोज राज्य में दर्जनों हत्या, दुष्कर्म, लूटपाट और डकैती की घटनाएं हो रही हैं। अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं है और बेखौफ घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। महिलाओं में असुरक्षा की भावना कायम है। साईबर क्राइम को सुलझाना पुलिस के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया बेहद उदासीन हैं। जनता में उनके आचरण को लेकर भारी नाराजगी है। धरनारत किसानों ने जोरदार नारेबाजी की।

  कितलाना टोल पर धरने के 82वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, सर्वजातीय फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवन्त नम्बरदार, गंगाराम श्योराण, रणधीर कुंगड़, राजसिंह जताई, सुरेन्द्र यादव, राकेश आर्य, सत्यवान बलियाली, बीरमति डोहकी, कृष्णा छपार, दिलबाग ग्रेवाल, बलवान पार्षद ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि खापों के भाजपा और जजपा नेताओं के बहिष्कार के फैसले पर विधानसभा में सवाल उठाने वाले नेता भूल रहे हैं कि वे जिस कुर्सी पर बैठे हैं वो जनता की ही देन है। हरियाणा के लोग इन दोनों दलों के नेताओं की शक्ल तक देखने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि खापों का गौरवमयी इतिहास रहा है। ऐसे में भाजपा जजपा नेताओं द्वारा उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखना बेहद शर्मनाक कृत्य है।               

धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, जिला पार्षद रामकिशन मानकावास, शमशेर फौगाट, राजू मान,  कमल प्रधान, रणधीर घिकाड़ा, बलबीर बजाड़, सीताराम फौगाट, प्रीतम चेयरमैन, कृष्ण फौगाट, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, राजकुमार सभरवाल, जयपाल धानक, सुभाष यादव, ठाकुर भुक्कल, जागेराम सरपंच, करतार गिल,  प्रेम सिंह, बलजीत, सत्यवान कालुवाला, धर्मवीर नम्बरदार, कर्ण सिंह, प्रताप हंसावास, सरदारा सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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