कितलाना टोल पर 73वें दिन सरकार के प्रति गुस्सा उबाल पर, हुई जोरदार नारेबाजी

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 किसान आंदोलन में महिलाएं बराबर की सहभागी हैं। यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर में महिला किसान दिवस मनाने का फैसला लिया है। यह बात दादरी से विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सोमवार को महिला दिवस के दिन कितलाना टोल के धरने की कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में होगी। वही अध्यक्षता करेंगी और महिलाएं ही वक्ता होंगी।                 

उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान करते हुए कहा कि महिला दिवस पर हर गांव से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को धरने में भागेदारी करनी है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं और इसको शांतिपूर्ण ढंग से चलाने में महिलाओं का बड़ा योगदान है। चाहे दिल्ली बॉर्डर हो या टोल हर जगह महिलाओं ने पूरा मोर्चा संभाल रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को देर सवेर तीनों काले कानून वापिस लेने ही होंगे।                  

कर्मचारी नेता राजकुमार दलाल और सुभाष कौशिक ने कहा कि आंदोलन को 3 महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन सरकार को किसान नहीं चुनाव नजर आ रहे  हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को बदनाम करने की कई बार कुचेष्टा कर चुकी है। कभी खालिस्तानी बोला गया तो कभी फंडिंग के नाम पर दुष्प्रचार किया गया। उसके बावजूद किसान, मजदूर धैर्य से आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि हमारी एकजुटता ही हमारी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी।                   

कितलाना टोल पर धरने के 73वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप 25 से राजकुमार, बीरमति, मंगल सुई, रणधीर कुंगड़, दिलबाग ढुल, सुनिल गोलपुरिया राजबाला, सुभाष यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि महिला दिवस को लेकर इलाके की महिलाओं में भारी जोश है।                 

 धरने का मंच संचालन दिलबाग ग्रेवाल ने किया। इस अवसर पर राजू मान, सज्जन कुमार गोयत, अनूप राठी, अजित सिंह सांगवान, सरदारा राम, मनसुख, कृष्णा छपार, रतन्नी देवी, माम कौर, सुनीता, कमला, कमल सिंह, कप्तान रामफल, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, पूर्व सरपंच नरेंद्र फतेहगढ़, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर, जगदीश हुई, भूपेंद्र समसपुर इत्यादि मौजूद थे।