नेताओं द्वारा खड़ी की गई दीवारों को गिराया आंदोलन ने : सोनिया मानकिसानों के लिए 10 साल का कैरियर दांव पर लगाया सोनिया मान नेकितलाना टोल पर 68वें दिन किसानों ने की जोरदार नारेबाजी, टोल रहा फ्री चरखी दादरी जयवीर फोगाट राजनेताओं ने अपने सियासी फायदे के लिए पंजाब और हरियाणा को बांट दिया था लेकिन किसान आंदोलन ने दोनों भाईयों को साथ ला खड़ा किया है। अब दोनों का भाईचारा अटूट हुआ है। यह बात पंजाब से बॉलीवुड कलाकार और निरंतर किसान आंदोलन में सक्रिय सोनिया मान ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहंकार में चूर हैं यही वजह है कि कोरोना काल में जब पूरा देश महामारी से जूझ रहा था बिना किसानों को विश्वास में लिए ये तीनों काले कानून बनाये। ये कानून सिर्फ बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने हरियाणा के कलाकारों को किसान आंदोलन में भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि पंजाब के कलाकारों की भांति उन्हें भी आगे आना चाहिए। उनके अनुसार उन्होंने खुद 10 साल का कैरियर दांव पर लगा किसान आंदोलन में उतरने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि काले कानून बनाते ही पंजाब ने विरोध शुरू कर दिया था और 25 नवंबर में जब पंजाब के किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया। उस वक्त हरियाणा के भाइयों ने जो साथ दिया वो कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज हालात ये हैं कि पंजाब हरियाणा ने आंदोलन का जो बिगुल बजाया था। आज पूरे देश के किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी उठ खड़े हुए हैं। अब निश्चित तौर पर केंद्र सरकार को तीनों काले कानून रद्द करने पड़ेंगे और एमएसपी की गारंटी देनी पड़ेगी। दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को जाति पाती का जहर घोलकर तोड़ना चाहती थी। लेकिन सभी वर्ग समझ गए हैं कि ये तीनों काले कानून सबकी कमर तोड़ने वाले हैं। इसलिए सबने हाथ से हाथ जोड़कर इसे जनांदोलन बना दिया है। कितलाना टोल पर धरने के 68वें दिन नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, धर्मबीर समसपुर, रणधीर कुंगड़, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, सुभाष यादव, रोशनी, संतोष, नत्थूराम शर्मा, कर्ण सिंह, चंदू हड़ौदी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इसमें कामयाब नहीं होंगे। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर धर्मेन्द्र हुड्डा, सुरजभान सांगवान, राजू मान, शमशेर सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, निर्मला देवी, प्रेम सिंह, सत्यवान बलियाली, दिलबाग ग्रेवाल, तुला पैंतावास, चंद्र हड़ोदी, कर्ण सिंह, प्रोफेसर जगमिंद्र सांगवान, तालेराम सरपंच झोझू, राजेश बलियाली, अमीर सिंह, अशोक उमरावत, सतीश बलम्भा, सुखदेव पालवास इत्यादि मौजूद थे। Post navigation आशा वर्कस यूनियन की सदस्योंं द्वारा प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन ऐलान- घरों पर 06 मार्च को लहरायेंगे काले झंडे और धरनों पर काली पट्टी बांध जताएंगे विरोध