Haryana Chief Minister, Shri Manohar Lal participating at the meeting of Governing Council of NITI Aayog, chaired by Prime Minister, Shri Narendra Modi held through video conferencing on February 20, 2021. Administrative Secretaries are also seen in the Picture.
अधिक जीएसटी कलेक्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन देने की बनाई जाए योजना
परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अंत्योदय योजना को आगे बढ़ाया जाएगा
प्रदेश में पराली निस्तारण के लिए कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट किए जाएंगे स्थापित: मनोहर लाल

रमेश गोयत

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार से एसवाईएल, हांसी बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है, ताकि हरियाणा को अपना अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की उपलब्धगता हेतु किशाऊ डैम के लिए जल्द ही एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ लखवार और रेणूका डैम के लिए पहले ही एमओयू हो चुका है।

मुख्यमंत्री शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण और जल का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कईं कदम उठाए हैं। परंतु प्रदेश का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में तबदील होता जा रहा है, इसलिए केंद्र सरकार एसवाईएल, हांसी बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप कर इसे सुलझाए ताकि हरियाणा को अपना पानी मिल सके।

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश में बड़े राज्यों में सर्वाधिक जीएसटी कलेक्शिन कर रहा है, परंतु इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण हरियाणा को मात्र 20 प्रतिशत जीएसटी ही मिल पाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अधिक जीएसटी कलेक्शिन करने वाले राज्यों के लिए प्रोत्साहन देने की योजना बनाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब परिवारों के कल्याण के लिए महत्वकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र शुरू की गई है, जिसके तहत गरीब परिवारों को चिह्नित कर उनके विकास के लिए उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। इस योजना से सरकार का उद्देश्य अंत्योदय को आगे बढ़ाना है, ताकि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके।

भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना

मुख्यमंत्री ने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राज्य स्तर पर अनुपालन बोझ को कम करने और ईज आॅफ डूइंग बिजनÞेस के लिए हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति 2020 शुरू की गई। साथ ही, जिला स्तरीय कार्य योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया गया। विभिन्न अधिनियमों के तहत लाइसेंसों के नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त करके अनुपालन बोझ को कम किया गया।

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में सुधार करके व्यापार करने की लागत को कम किया। इसके लिए लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग पॉलिसी, 2019 लॉन्च की गई। नारनौल में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, गन्नौर में लगभग 7 हजार करोड़ रुपय की लागत से अंतर्राष्टÑीय बागवानी बाजार स्थोपित किया जा रहा है। साथ ही, गुरुग्राम में फूल मार्केट, सेब के व्यापार की सुविधा के लिए पंचकूला में सेब मार्केट और सिरसा में मसाला मार्केट भी बनाई जा रही है। विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए ड्रोन कॉर्पोरेशन की स्थापना की जा रही है और पलवल से सोनीपत तक हरियाणा आॅर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नौकरियां पैदा करने पर जोर दे रही है। हाल ही में हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक पारित किया गया है। वर्कफोर्स का डिजिटल डाटाबेस बनाया गया है। पिछले 5 वर्षों में 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। इसके अलावा, 105 आॅनलाइन जॉब फेयर/प्लेसमेंट ड्राइव का भी आयोजन किया गया है।

आधारभूत ढांचा विकसित करने पर जोर

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए केएमपी के आसपास हरियाणा रेल आॅर्बिटल परियोजना को लागू किया जा रहा है और केएमपी एक्सप्रेसवे का निरंतर सुधार किया जा रहा है। साथ ही, हिसार में एकीकृत विमानन हब और हरियाणा में दिल्ली मेट्रो के विस्तार की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों के बेहतर व उचित उपयोग हेतु जिला स्तर पर फसल प्रणाली को कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ जोडनÞे की दिशा में कार्य किया जा रहा है। धान की फसल के स्था न पर वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दालें, सब्जियां और फलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से च्मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके परिणास्वरूप प्रदेश में 97,000 एकड़ भूमि पर धान के स्था्न पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई की गई है।

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