चंडीगढ़, 18 फरवरी: पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल कि उन्होंने बीजेपी को बचाने के लिए इस्तीफा दिया है, का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सब आपके सामने है इसका सीधा और साफ प्रमाण है कि भूपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा के चुनाव में सुभाष चंद्रा को जिताने के लिए अपना बैलेट पेपर खाली छोड़ दिया था और उनके विधायकों के पैन की स्याही बदलवाकर वोट कैंसिल करवाए थे। इसके एवज में भाजपा ने अहसान चुकाते हुए राज्यसभा चुनाव में दिपेंद्र हुड्डा के खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया और दिपेंद्र को चुनाव जितवाया। विधानसभा सत्र में भी जहां नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें कृषि कानूनों पर चर्चा के दौरान बहस करनी चाहिए थी वहीं कांग्रेस प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने पर अड़ी रही और सदन से वॉकआउट कर चले गए थे जिससे साफ जाहिर होता है कि भूपेंद्र हुड्डा भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हंै। आने वाले विधानसभा सत्र में भी भूपेंद्र हुड्डा कोई चर्चा नहीं करेंगे और विधानसभा में हंगामा करके बाहर आ जाएंगे। Post navigation शराब और रजिस्ट्री घोटालों की जांच सीबीआई से हो: अभय सिंह चौटाला प्रदेश के 1890 तालाबों के जल्द सुधार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिए आदेश