किसानी और स्वास्थ्य सेवाओं को भी अनदेखा किया गया.
मंहगाई सातवें आसमान पर गरीबों पर सबसे ज्यादा मार

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम।   वित्त मन्त्री सीता रमण ने  देश के समक्ष बीजेपी सरकार का बजट पेश किया। इस बजट मे अर्थव्यवस्था में सुधार एवं रोजगार पर कोई फोकस तो रहा ही नही किसानों और स्वास्थ्य सेवाओं को भी अनदेखा किया है। यह प्रतिक्रिया पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने बजट पर दी है। यादव ने कहा कि एफडीआई को 49 से बढाकर 74 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे देश को भारी नुक्सान होगा। छोटे उद्दोगपति मारे जाएगें। रोज मर्रा की इस्तेमाल होने वाली चीजों की तो मंहगाई सातवें आसमान पर है, जिससे गरीब आदमी पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। मेड इन इंडिया की बात तो करते हैं लेकिन धरातल पर कुछ नही हो रहा है।

देश के जवानों की परवाह नही

कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि देश की महंगाई को तो वित्त मंत्री भूल ही गई। महंगाई को काबू पाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी। वहीं बजट में रक्षा खर्च बढाना चाहिए था लेकिन शायद सरकार को देश के जवानों की परवाह नही है। भाजपा को सिर्फ अपने पंूजीपति दोस्तों से प्यार है और रेल, एल आई सी, बीएसएनएल, एयरपोर्ट सभी को बेचना आता है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में आय एवं व्यय के अंतर को पूरा करने के लिए सरकार सरकारी संपत्तियां बेचेगी। साथ ही  वित्त मंत्री ने बजट के माध्यम से मध्यमवर्ग को आयकर में कोई छूट नही दी है।  यादव ने कहा कि रियल स्टेट में इतनी मंदी है, उनके मकान नही बिक रहे उसके लिए भी कुछ कदम उठाने चाहिए कुछ लोन पर अच्छी स्कीम सरकार को देनी चाहिए। इसके अलावा सोलर पर ज्यादा से ज्यादा सबसीडी देनी चाहिए थी। ताकि बिजली की पूर्ति हो सके।

प्रतिभावन छात्रों के लिए कुछ भी नही

पूर्व मंत्री यादव ने कहा कि पूरे देश के किसान धरने पर बैठे हैं। किसानों को बहूत उम्मीद थी कि उनके न्यूतम समर्थन मूल्य की ओर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन इस बजट के बाद किसानों के हाथ पहले की तरह खाली रहे गए। दूसरी तरफ मोदी सरकार के बजट में देश के करोडों प्रतिभावन छात्र-छात्राओं के लिए कुछ भी नही है। न ही कहीं सस्ती शिक्षा की बात है न ही शिक्षित युवाओं के लिए नौकरियों की। इसके अलावा अभी हाल ही में हुई कोरोना महामारी ने पोल खोल दी की हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिती है। उसके बावजूद भी इस बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को कुछ नही दिया। इसलिए यह कह सकते हैं कि यह बजट दिशाहीन, निराश और अप्रगतिशील बजट है। श्री यादव ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की हिस्से में तो कुछ आया ही नही है। भाजपा को सिर्फ चुनाव वाले राज्य ही दिखाई देते हैं। जहां पर चुनाव होना है सिर्फ उन्हीं राज्यों का जिक्रा बजट में हुआ है।

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