स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती सहित छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए था. बजट में किसी भी सरकारी संस्था को मजबूत बनाने की पहल नही की गई. बजट का सार – निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा और और सरकारी सम्पत्ति की बिक्री होगी

पटौदी 1/2/2021 : केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार तीसरी बार पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने कहा कि केंद्रीय बजट केवल चुनावी राज्यों को ध्यान में रख कर बनाया गया है, बाकी राज्य 2024 का इंतजार करें, इस बजट में बंगाल व तमिलनाडु को चुनावी रेवड़ियां बांटी गई हैं।

प्रेस के नाम जारी की गई विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि देश को बजट चाहिए था चुनावी घोषणा पत्र नही और स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती सहित छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए था लेकिन बजट में इन सबकी अनदेखी की गई है।

केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को सिर्फ इतने से ही समझा जा सकता है कि एयरपोर्ट, सड़कें, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, गेल, स्टेडियम, इंडियन आयल की पाइपलाइन, रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के हिस्से, वेयरहाउस ये सब कुछ बिकेगा।

वर्मा ने प्रेस के नाम जारी पत्र में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस बजट में भारत देश की एक भी सरकारी संस्था को मजबूत बनाने की पहल नही की गई, बल्कि मोदी सरकार सब कुछ बेचने पर आमादा है, इस बजट में NHAI को भी बेचने के संकेत दे दिए हैं। एक बात देशवासियों को समझ लेनी चाहिए कि निजीकरण को बढ़ावा देने और सरकारी सम्पत्तियां बेचे जाने से आने वाला समय बहुत भयावह है, बेरोजगारी और ज्यादा डरावने स्तर पर पहुँच जाएगी।

पटौदी से कॉन्ग्रेस पार्टी की भावी प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि टैक्स स्लैब को जस का तस रख कर आम करदाता को कोई राहत नही दी गई। इस प्रकार से इस बजट में जुमले ज्यादा हैं जिनसे जनता को गमराह किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आदिवासी स्कूल बन्द किये जा रहे हैं और केंद्र सरकार एकलव्य स्कूल खोलने के जुमले दे रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी स्कूल बन्द किये जा रहे हैं और केंद्र सरकार एकलव्य स्कूल खोलने के जुमले दे रही है। एलआईसी में भी आईपीओ लाने की मजबूरी से साबित होता है कि देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल खोखली हो चुकी है।

वर्मा ने कहा कि एससी/बीसी व पिछड़े वर्गों के हितों की खातिर चलाई जा रही योजनाओं, और इन वर्गों के विद्यर्थियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी करने की बजाए कटौती करके इन पर कुठाराघात किया गया है। किसानों को भी लॉलीपॉप थमा दिया।

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