भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई और उसमें गुरुग्राम के चारों विधायक, नगर निगम की मेयर और सभी आला अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में 14 समस्याएं रखी गईं और उनके समाधान के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए परंतु पुराना अनुभव बताता है कि यह सब निर्देशों तक ही रह जाता है। 

प्रश्न है कि क्या इस बैठक से गुरुग्राम की समस्याएं दूर होती है? क्या अधिकारी वास्तविक समस्याओं को यहां तक पहुंचने देते हैं? क्या विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को देख उन्हें बैठक में शामिल करते हैं? क्या निगम की मेयर निगम की समस्याओं को इस बैठक में रखती है? ये प्रश्न मैं नहीं उठा रहा, ये तो गुरुग्राम की जनता के हैं और जनता का कहना है कि ये सब सत्ता पक्ष का दिखावा मात्र है। अधिकारी और पार्टी के नेता अपने मन-मुताबिक समस्याएं ही जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहुंचने देते हैं और जिले में समस्याओं का अंबार लगा रहता है।

मैं स्वयं निगमायुक्त और मेयर को वर्षों से बताया है कि ग्रीन बैल्ट पर कब्जे हो रहे हैं। आम जनता जानती है कि धड्ल्ले से बिना नक्शे के इमारतें बन रही हैं। बाजारों में अतिक्रमण की भरमार है। बिना फायर एनओसी के अनेक संस्थान और स्कूल चल रहे हैं। निगम में घोटाले ही घोटाले हैं।

अब बड़ा प्रश्न यह है कि अधिकारी, विधायक व मेयर मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखते हैं? मुख्यमंत्री का गुप्तचर विभाग भी ये बातें मुख्यमंत्री को नहीं बताता? या मुख्यमंत्री स्वयं ही इन बातों से आंख मूंद लेते हैं।

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