केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया. पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रही फतह सिंह उजाला पटौदी। राष्ट्रीय नव चेतना मंच एवं युवा किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में राजीव चैक गुरूगांव से पैदल यात्रा लेकर जन नेता विजय सोमाणी व पूर्व एमएलए नरेश यादव झाड़सा चैक तक हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पर पहुंचे तो पुलिस ने घेराबंदी कर रोक लिया। तत्पश्चात नरेश यादव ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से बात कर 11 सदस्यों की कमेटी बनाकर कृषि मंत्रालय में उन को ज्ञापन सौंपा । एसवाईएल नहर निर्माण की अधिसूचना जारी होने के बाद 43 वर्ष बीत गए । इस दौरान 8 मुख्यमंत्रियों ने 16 बार सरकार बनाई लेकिन राजनीति के चलते किसी ने भी ऐसा एसवाईएल पर ध्यान नहीं दिया डार्क जोन घोषित करने पर जिला दादरी भिवानी महेंद्रगढ़ रेवाड़ी नुह गुरुग्राम फरीदाबाद के प्रतिनिधियों की जिम्मेवारी बनती है कि वह इस आंदोलन में सहभागी बने व भारत सरकार नहर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनु पालना करनी चाहिए। पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रही । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने 12 जुलाई 2004 को पंजाब विधानसभा में बिल पास कर पानी को लेकर सभी समझौतों को रद्द किया। एक ऐतिहासिक फैसले पर आग में घी डालने का काम किया। ऐसे में भारत सरकार को पंजाब सरकार को गिरा कर नहर निर्माण का कार्य एजेंसी द्वारा करा देना चाहिए। शिष्टमंडल को भारत के एग्रीकल्चर मिनिस्टर नरेंद्र सिंह जी तोमर ने आश्वासन दिया इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी व देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को इन सब हालात से अवगत कराया जाएगा । संविधान व सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर कोई भी व्यक्ति नहीं है । अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है कि जिला भिवानी ,दादरी, महेंद्रगढ़ ,रेवाड़ी, गुड़गांव, नुह ,फरीदाबाद जिले के जनप्रतिनिधि इस पर कितनी सहभागिता निभाते है। विभिन्न पार्टियों में व पदों पर बैठे लोगों को अब लोगों का सामना भी करना पड़ सकता है , क्योंकि लंबे समय तक इन जिलों के विधायक व सांसद पार्टियों के दबदबे के चलते अपनी आवाज को दबाते चले आए। नेशनल जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज व मंजू चैहान ने कहा कि विजय सोमाणी संयोजक राष्ट्रीय नव चेतना मंच और युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेश यादव व सारे पदाधिकारी जिन्होंने एसवाईएल पानी के लिए जो कि हरियाणा के लिए एक जीवन रेखा है के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया है वह तारीफे काबिल है । हमारी पार्टी नेशनल जनहित कांग्रेस के सारे कार्यकर्ता इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर इस संघर्ष में साथ चलेंगे और हमारे जितने भी कार्यकर्ता हैं। इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और तब तक नहीं बैठेंगे जब तक हमारे हरियाणा का हिस्से का पानी हमें ना मिल जाए । यह एक अधिकार की लड़ाई है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्दी हम इस लड़ाई में कामयाब होंगे और हमें सफलता मिलेगी। Post navigation किसान कानून की मांग ही नही करे तो क्यों थोप रहे: शैलजा 26 जनवरी को पूरे भारत के किसान का दिल्ली ट्रैक्टर मार्च