– वैंडिंग रेहडिय़ों को दामन तथा डस्टबिन को चोली का दिया गया नाम– अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक वैंडिंग रेहड़ी के साथ दो डस्टबिन होने चाहिएं– संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) धीरज कुमार ने बाजार क्षेत्रों में दो डस्टबिन सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों में ओडीएफ प्लस प्लस के मापदंडों अनुसार संसाधन एवं सेवाएं सुनिश्चित करने के दिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश गुरूग्राम, 7 जनवरी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के तहत नगर निगम गुरूग्राम द्वारा सभी जरूरी तैयारियों को तेज कर दिया गया है। इसके तहत वीरवार को नगर निगम गुरूग्राम के संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) धीरज कुमार ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर ‘चोली-दामन का साथ’ नामक अभियान लांच किया गया। इसके तहत वैंडिंग रेहड़ी को दामन तथा डस्टबिन को चोली का नाम दिया गया है। अभियान के तहत 16 जनवरी को एक विशेष अभियान चलाकर टीमों का गठन करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक वैंडिंग रेहड़ी के साथ दो डस्टबिन होने चाहिएं। संयुक्त आयुक्त द्वारा अधिकारियों को सभी बाजारों में कचरा कलैक्शन गाड़ी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। संयुक्त आयुक्त ने कहा कि इसके लिए कचरा कलैक्शन गाडिय़ों का रूट प्लान बनाकर उसकी निरंतरता की निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि बाजार क्षेत्रों में प्रतिदिन 2-3 बार कचरा कलैक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि प्रत्येक यूनिट से कचरा कलैक्शन हो सके। सभी दुकानदारों एवं स्ट्रीट वैंडरों के पास दो डस्टबिन की उपलब्धता एवं इनके उपयोग को सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही स्वच्छता विंग से जुड़े अधिकारी 12 जनवरी तक अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों में ओडीएफ प्लस प्लस के मापदंडों अनुसार सभी आवश्यक संसाधन और सेवाओं को सुनिश्चित करें। इस दिन विशेष टीमें गठित करके सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण किया जाएगा। बैठक में सफाई अधिकारी विजेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ सफाई निरीक्षक विजय कौशिक, ऋषि मलिक एवं मनोज कुमार, स्वच्छता सलाहकार डा. हरभजन सिंह एवं सोनिया दूहन सहित इकोग्रीन एनर्जी के प्रतिनिधि उपस्थित थे। Post navigation किसान आंदोलन का 43वां दिन, संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम का अनिश्चितकालीन धरना 11वां दिन किसान कानून की मांग ही नही करे तो क्यों थोप रहे: शैलजा