54 किसानों के बलिदान पर भी संवेदनहीन सरकार वार्ता – वार्ता खेल रही है : सुनीता वर्मा

ठिठुरन भरी रात में किसान को सड़क पर बैठा कर इन सत्ताधारी नेताओं को नींद भी कैसे आती होगी. किसान कानूनों को सर्वमान्य हल निकलने तक तुरन्त प्रभाव से स्थगित करे सरकार

पटौदी 05/01/2021 : कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने किसान आंदोलन को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बीजेपी सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए उस पर जमकर हमला बोला। प्रेस के नाम जारी पत्र में उन्होंने कहा कि 54 किसान अब तक अपना बलिदान दे चुके हैं और सरकार है कि वो अभी भी वार्ता-वार्ता खेल रही है। बारिश ने किसानों के लिए दिल्ली में मुश्किल पैदा कर दी है।

समझ नहीं आ रहा सत्ता में बैठे लोगों को नींद कैसे आती होगी? जिनसे वोट लेकर सत्ता में आये हैं, उन्हीं से ये दुश्मनों जैसा बर्ताव क्यों ?

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि जब किसान इन तीन कृषि कानूनों को नकार चुके हैं तो आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है जो वो इन्हें लागू करने के लिए अपनी हठधर्मिता पर उतर आई है। यदि बीजेपी इतनी ही किसान हितैषी है तो इन किसान कानूनों को सर्वमान्य हल निकलने तक स्थगित क्यों नहीं करती। आखिर ये निरंकुश सरकार कितने किसानों का बलिदान और चाहती है।

वर्मा ने इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम जनता से भी इस आंदोलन में सहयोग करने की अपील की, उन्होने कहा कि इन बिलों के लागू होने से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब का होगा इसलिए भूख से मरने से अच्छा है कि वो किसानों के साथ मिलकर अपने बच्चों की खुशहाली के लिए इस आंदोलन का समर्थन करे। किसानों का समर्थन करने के लिए आपका किसान होना जरूरी नहीं है, बस आपका इंसान होना जरूरी है।

पटौदी क्षेत्र से कॉन्ग्रेस की भावी सम्भावित प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि किसानों की बात न सुनना उन पर लाठियां बरसाना, आंसू गैस व मिर्ची पाउडर के गोले दागना यह अत्याचार और अन्याय की पराकाष्ठा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड एवं बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आनदोलन समाप्त कराए

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