गुरुग्राम – छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय के परीक्षा सम्बन्धी फैसले का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों की मांग मानने का अनुरोध किया है। एबीवीपी ने दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं को कराने के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को पुनर्विचार करना चाहिए। कैंपस में छात्र अभी तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षाएँ मार्च में होंगी। ऐसे में बीच में अचानक से परीक्षाओं का एलान करना छात्र हित में नही है। छात्रों के ऊपर डाले जा रहे अनावश्यक दबाब के खिलाफ एबीवीपी है। 

एबीवीपी के मीडिया प्रभारी आशीष राजपूत ने कहा कि एबीवीपी शुरू से छात्र हित में खड़ी रही है। वर्तमान परिदृश्य में गुरुग्राम के कई हजार छात्रों की मांग जायज है। कई हजार छात्रों के ऊपर विश्वविद्यालय अपना फैसला नही थोप सकता। सोमवार को छात्र फिर एक बार प्रदर्शन करेंगे। एमडीयू रोहतक परीक्षा न लेने का निर्णय कर चुकी है ऐसे में गुरुग्राम विश्वविद्यालय का फैसला गलत है। विद्यार्थियों के सामने एक साथ दो दो सेमेस्टर पढ़ने और परीक्षा देने की स्थिति है। ऐसा पहले कभी नही हुआ है। विश्वविद्यालय का फैसला न सिर्फ निराशाजनक है बल्कि छात्र हितों के खिलाफ है।

गौरतलब है की शनिवार को सैकड़ों छात्राओं ने प्रदर्शन करते हुए कई सड़कों को ब्लाक कर दिया था हालाँकि आपातकालीन सेवाओं को रास्ता छोड़ा गया है। शनिवार के प्रदर्शन के बाद कॉलेज प्राचार्य ने मीटिंग में फैसला लेने की बात कही थी। 

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