31 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने नगर निकाय चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि बरोदा विधानसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को पटखनी देने के बाद अब शहरी मतदाताओं ने भी भाजपा-जजपा को पटखनी देकर एक तरह से हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार की अवसरवादी, सिद्धांतहीन सरकार के खिलाफ अपना जनादेश दिया है। विद्रोही ने कहा कि बरोदा उपचुनाव व नगर निकाय चुनावों में पटखनी खाने के बाद भाजपा-जजपा सरकार को एक क्षण के लिए भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नही है। वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि से चुने गए जजपा विधायकों को अब दुष्यंत चौटाला परिवार की गुलामी छोडकर अवसरवादी, सिंद्धातहीन, जनविरोधी भाजपा से अपना समर्थन वापिस ले लेना चाहिए। यदि जजपा विधायक ऐसा नही करते है तो ना केवल अपने क्षेत्र के मतदाताओं की भावना का अपमान करेंगे अपितु किसान व कमेरे वर्ग के गद्दार भी कहलाएंगे। विद्रोही ने कहा कि तीन नगर निगम, एक नगरपरिषद व तीन नगरपालिका चुनावों में भाजपा को केवल पंचकुला नगर निगम व रेवाडी नगरपरिषद चुनाव में मामूली बढ़त से सफलता मिली है जबकि दो नगर निगमों व तीन नगरपालिकाओं में भाजपा-जजपा बुरी तरह से हारी है। भाजपा जिन दो जगह पर जीती है, उनमें पंचकुला से 2057 व रेवाड़ी से 2087 मतों के मामूली अंतर से जीती है जो भाजपा के प्रति शहरी मतदाताओं का मोह भंग होने का खुला प्रमाण है। जब भाजपा अपने शहरी गढ़ों में भी नगर निकाय चुनाव नही जीत सकी तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों ंमें भाजपा की क्या गत बनेगी। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस सोनीपत नगर निगम चुनाव 13818 मतों से जीता, वहीं सांपला, धारूहेडा व उकलाना के नगरपालिकाओं में कांग्रेस में आस्था रखने वाले निर्दलीय चेयरमैन बनना साफ बताता है कि हरियाणा के मतदाता का रूझान फिर से कांग्रेस की ओर बढ़ रहा है। कांग्रेस को इस बात पर गंभीरता से आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है कि अम्बाला नगर निगम चुनाव में उसका मेयर उम्मीदवार चौथे नम्बर पर व रेवाड़ी नगरपरिषद चेयरमैन में तीसरे नम्बर पर क्यों रहे। कांग्रेस को आत्ममंथन करके करेक्टिव मेजर उठाने की जरूरत है। विद्रोही ने कहा कि नगर निकाय चुनावों ने साफ संदेश दे दिया है कि भाजपा हाफ रह गई और जजपा साफ हो गई। धारूहेडा नगरपालिका चुनाव में जजपा-भाजपा चेयरमैन उम्मीदवार छठे नम्बर पर रहा। वहीं उकलाना नगरपालिका में जजपा-भाजपा के चेयरमैन सहित सभी 15 पार्षद बुरी तरह से हार गए। Post navigation भाजपा-जजपा सरकार के लिए बड़ा झटका : विद्रोही कानून के रद्द करने के विकल्प की सरकार की अपील असंभव