किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे व्यापारियों के छापेमारी करके सरकार व्यापारियों को डराने की नाकाम कोशिश कर रही है- बजरंग गर्ग
सरकार छापेमारी, लाठी-डंडों व झूठे केस बनाकर  किसान आंदोलन को दबाने की नाकाम कोशिश में लगी हुई है- बजरंग गर्ग
सरकार की गलत नीतियों के कारण पहले ही देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योग ठप्प हो गए हैं- बजरंग गर्ग
केंद्र सरकार को अपनी जिद छोडक़र कृषि कानून को तुरंत प्रभाव से किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में वापिस लेना चाहिए- बजरंग गर्ग

हिसार – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने किसान व व्यापारी प्रतिनिधियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि किसान आंदोलन व पंजाब में व्यापारियों के यहां की गई छापेमारी के विरोध में 25 दिसंबर 2020 को हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में हड़ताल रहेगी।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि शांतिप्रिय किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे देश व प्रदेश के व्यापारियों को डराने व तंग करने के लिए पंजाब में छापेमारी की जा रही है। इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा में व्यापारियों को नोटिस देकर उन्हें तंग किया जा रहा है जो लोकतंत्र की हत्या है। जबकि आजाद भारत देश में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने व शांति भी आंदोलन करने का अधिकार है मगर केंद्र व प्रदेश तानाशाही सरकार लाठी- डंडों व झूठी कार्रवाई करके देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व आम जनता की आवाज दबाना चाहती है जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि आज सरकार की गलत नीति व कोरोना महामारी व तीन काले कृषि कानून बनाने से देश व प्रदेश में ओर ज्यादा कारोबार ठप्प हो गए हैं। यहां तक की माल का एक राज्य से दूसरे राज्यों में आना जाना बंद होने के कारण व्यापार, उद्योग, ट्रांसपोर्ट, पेट्रोल पंप व आम कामों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जबकि किसानों की सभी मांगें जायज है। तीन कृषि कानून से देश का किसान, आढ़ती व मजदूर बर्बाद हो जाएगा और देश में पहले से कई गुणा महंगाई बढ़ेगी व बेरोजगारी फैलेगी। जब देश व प्रदेश का किसान व आढ़ती कृषि कानून को नहीं चाहता तो केंद्र सरकार क्यों जबरन इन कानूनों को किसान व आढ़तीयों पर थोपना चाहती है। तीन कृषि कानून से फल, सब्जी, खुदरा व्यापार की तरह अनाज के व्यापार पर भी अडानी- अंबानी व बड़े बड़े घरानों का  कब्जा  हो जाएगा और किसान अपनी ही जमीन  में मजदूर  बनकर  रह जाएगा और प्राइवेट  मंडियां बनाने से  मौजूदा सरकारी मंडियां बंद हो जाएगी। बड़ी-बड़ी कंपनी सब्जी व फल की तरह अनाज की जमाखोरी करके। सब्जी व फल की तरह अनाज भी मोटा मुनाफा कमाकर कई गुणा ज्यादा दामों पर बेचेगा। अनाज की स्टॉक सीमा खत्म करने का मतलब सीधा जमाखोरी को बढ़ावा देकर अंबानी व अडानी को लाभ पहुंचाना है।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि तीन कृषि कानून किसी भी तरह किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में नहीं है। इसीलिए केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़ कर देश के हित में तुरंत प्रभाव से कृषि कानून को वापस लेना चाहिए और किसान व व्यापारियों से बातचीत करके आपसी सहमति से देश की जनता के हित में नया कानून बनाना चाहिए ताकि देश में महंगाई व बेरोजगारी पर अंकुश लगाया जा सके।

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