पिछले छह साल में भाजपा सरकार ने बीज से बाजार तक हर वो काम करने का प्रयास किया जिससे किसान समृद्ध बने।     

 गुरुग्राम। भाजपा के वरिष्ठ नेता जीएल शर्मा ने कहा कि ऐसे समय में जब भाजपा सरकार एमएसपी पर सरकारी खरीद के नए रिकॉर्ड बना रही है, खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ा रही है, कुछ लोग किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों से किसानों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है, बल्कि ये कानून किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें समृद्ध करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

जीएल शर्मा गुरुग्राम भाजपा किसान मोर्चा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव  के पदग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के लिए  किसान कल्याण उनके जीवन की सबसे अहम प्रतिबद्धताओं में से एक है। किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें समृद्ध करने के भाजपा सरकार लगातार फैसले कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान जिस प्रकार आज हरियाणा का बड़ा भाई होने का दंभ भर रहे हैं, उन्हें कृषि कानूनों का विरोध करने की बजाय बड़े दिल से बड़े भाई का निभाते हुए हरियाणा के किसानों के लिए एस वाई एल के पानी की पैरवी करनी चाहिए। हरियाणा के, खासकर दक्षिण हरियाणा की प्यासी धरती की एस वाई एल के पानी से प्यास बुझाने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को भी जागरूक होते हुए पंजाब के किसानों से किसान आंदोलन के मंच से ही एस वाई एल के लिए सहयोग मांगना चाहिए, उनसे अपना हक और हिस्से का पानी मांगना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शनिवार को भाजपा सभी जिला मुख्यालयों पर इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाएगी। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से पूर्व केंद्र की मोदी और प्रदेश की मनोहर सरकार इस विषय पर अपनी सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी है। दक्षिण हरियाणा के किसानों को उनका हक दिलाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा चुकी है। अब केवल हरियाणा के किसानों की पंजाब के किसानों से अपना हक मांगना है। उन्होंने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों का पुरजोर समर्थन करते हुए उन्हें किसानों और देश हित में बताया। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से एमएसपी पर कोई आंच आने वाली नहीं। एमएसपी है और जारी रहेगा। ए पी एम सी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। सच्चाई ये है कि मंडियां कायम हैं, यह इन कानूनों के दायरे से बाहर है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भी किसानों को बरगलाया जा रहा है। किसानों की जमीन पर कोई खतरा नहीं है। एग्रीमेंट फसलों का होगा ना कि जमीन का। सेल, लीज और गिरवी समेत जमीन के किसी भी प्रकार के हस्तांतर ण का करार नहीं होगा। किसानों को तय समय पर भुगतान मिलेगा। कानून में यह साफ प्रावधान है कि किसान किसी भी समय बगैर जुर्माने के करार खत्म कर सकता है।

उन्होंने कहा कि देश में कानूनों को लेकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि इसको लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों पर दो दशक से विचार विमर्श हो रहा है। भाजपा ने अपनी प्रतिबद्धता और संकल्पशक्ति दिखाते हुए इन्हें लागू कर दिया। कृषि सुधार कानूनों को लेकर वर्ष 2000 में शंकरलाल गुरु कमेटी से इसकी शुरुआत हुई। 2003 में मॉडल एपीएमसी एक्ट, 2007 में एपीएमसी रूल्स, 2010 में हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल की समिति व 2013 में दस राज्यों के कृषि मंत्रियों की संतुति और 2017 में एपीएलएम एक्ट के बाद भाजपा सरकार ने संसद में चर्चा कर इन कानूनों को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि किसानों की इन कानूनों से भ्रमित होने की कोई जरूरत नहीं है। यह किसान और देश हित में लिए गए बड़े फैसलों में से एक है। इस मौके पर गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला, जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, पिछड़ा वर्ग मोर्चा की उषा प्रियदर्शी, किसान मोर्चा के महामंत्री मुकेश जैलदार सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।

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