किसान आंदोलन का समर्थन : दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे बिलासपुर चौक टोल बैरियर हुआ लाल

सीपीएम राज्यसभा सांसद के के राघेश ने दी अपनी गिरफ्तारी.
सीडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड सुखबीर भी पहुंचे.
सभी आंदोलनकारियों को मोकलवास स्कूल अस्थाई जेल में रोका

फतह सिंह उजाला

पटौदी । एमएसपी सहित नए तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में सीआईटीयू , भवन निर्माण कामगार मजदूर यूनियन, सी डब्ल्यू एस आई सहित अन्य संगठनों से जुड़े नेता और सदस्य किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली जयपुर हाईवे पर पुराने बिलासपुर   चौक    बैरियर पर एकत्रित हुए । सैकड़ों की संख्या में महिलाओं सहित पुरुष आंदोलनकारियों ने बिलासपुर   चौक    पर पुराने टोल बैरियर के दोनों तरफ आवागमन वाले सड़क मार्ग पर लाल झंडे लहराते हुए हाईवे को कुछ समय के लिए जाम कर दिया ।

इस प्रकार की स्थिति से निबटने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस बल के द्वारा सभी आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर बसों में भरने के बाद पास के गांव मोकलवास के स्कूल में बनाई गई अस्थाई जेल में ले जाकर रखा गया । मंगलवार को किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित बिलासपुर चैक के पुराने टोल बैरियर पर प्रदर्शनकारियों के हाथ में केवल और केवल लाल झंडे ही दिखाई दे रहे थे।

इस मौके पर विशेष रूप से सीपीएम के राज्यसभा सांसद के के राघेश , सी डब्ल्यू एफ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड सुखबीर , सीटू के राज्य अध्यक्ष कामरेड सुरेखा, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सत्यवीर, सीटू अध्यक्ष कंवरपाल यादव , सीटू के जिला सचिव धर्मवीर , कामरेड मरियम धवले , उषा सिरोहा, किसान सभा के कामरेड किशन प्रसाद, विक्रम सिंह, विनोद भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में लोग केंद्र सरकार के नए किसी कानून बिल के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए और किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचे।

यहां पर सीपीएम राज्यसभा सांसद के के राघेश ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार को लागू किए गए नए कृषि बिल संसद का विशेष अधिवेशन बुलाकर किसान हित में जल्द से जल्द वापस ले लेने चाहिए। सी डब्ल्यू एस आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड सुखबीर और सीटू के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सत्यवीर ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नए कृषि दिल से केवल मात्र किसान ही नहीं , खेती से जुड़ा प्रत्येक वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है और आने वाले समय में इस नए बिल के जो बुरे प्रभाव हो सकते हैं उस तरफ केंद्र सरकार का अभी तक ध्यान ही नहीं गया है । नए कृषि बिल के कारण सबसे अधिक प्रभावित देश और समाज के अंतिम पायदान का गरीब वर्ग का आदमी ही होगा। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ अन्य प्रदर्शनकारियों ने भी नए कृषि बिल के विरोध में और आंदोलनरत किसानों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारी अधिक समय तक दिल्ली-जयपुर हाईवे को अवरुद्ध नहीं कर सके , इसके लिए मौके पर मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शन में शामिल वरिष्ठ नेताओं और कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों सहित सभी लोगों को मामूली सा बल प्रयोग करते हुए इन हालात में निपटने के लिए बनाई गई गांव मोकलवास की स्कूल में अस्थाई जेल में ले जाकर छोड़ दिया । कुल मिलाकर दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर स्थित बिलासपुर चैक के पुराने टोल बैरियर पर मंगलवार का किसान आंदोलन समर्थित यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहा।

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