भारत बंद को लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में कॉन्ग्रेस नेत्री ने दी गिरफ्तारी

किसान विरोध प्रदर्शनों में मृत 6 किसानों को नमन व शांतिपूर्ण आंदोलनरत किसानों को बधाई : सुनीता वर्मा. 70 साल में पहली बार किसान अपना भला नही चाहता और ये सरकार उनका जबरदस्ती भला करने पर उतारू है

पटौदी 8/12/2020 : पटौदी खण्ड के बिलासपुर में किसानों द्वारा आयोजित भारत बंद को अपना समर्थन देने पहुंचीं कॉन्ग्रेस नेत्री व जिला पार्षद सुनीता वर्मा ने कहा कि वह किसानों के इस आंदोलन को अपना समर्थन देने इस लिए पहुंची है ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे ये सवाल न करे कि जब हमारे हक़ और अधिकारों की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब आप घर मे क्यों बैठी थी? मैं अपने बच्चों की आंखों से आंख मिला सकूं इसलिए इस संघर्ष का हिस्सा बनने आई हूं, क्योंकि मेरा व मेरे बच्चों का भविष्य व वजूद इस किसानी के अस्तित्व पर ही टिका है। उन्होंने कहा कि मैं इनके द्वारा उपजाई गई फल, सब्जी व गेहूं की बनी रोटियां खा कर ही पली बढ़ी हूँ, इसलिए मैं इन किसानों के प्रति कृतघ्न नही हो सकती, मेरा पूरा समर्थन इन किसानों के साथ है।

गौरतलब है कि किसानों द्वारा किये जा रहे कृषि कानूनों के विरोध में आज आहूत भारत बंद में बिलासपुर में विभिन्न संगठनों के बैनर तले भारी संख्या में किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 को रोकने के प्रयास में पुलिस ने इनकी गिरफ्तारियां की और सभी प्रदर्शनकारियों को मोकलवास के स्कूल में बनाई गई अस्थाई जेल में भेज दिया। कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने भी किसानों की मांगों के समर्थन में अपनी गिरफ्तारी दी।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वह इस आंदोलन के द्वारा सरकार से साफ कहना चाहती है कि ये बन्द नही है बल्कि अन्याय व तानाशाही के खिलाफ जंग की एक शुरुआत है। मैं कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर इस देश को, देश के किसानों को, देश के भविष्य को और देश की नस्ल को बचाने के लिए अन्नदाताओं के इस आंदोलन में शरीक होने के लिए आई हूँ।

पटौदी से पार्टी की संभावित प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि किसान और किसानी के खिलाफ इन तीनों कृषि काले कानूनों को इस गरीब व किसान विरोधी सरकार को वापिस लेने ही होंगें और फसल की लागत के ऊपर 50 फीसदी मुनाफा देने व फसल की दोगुना किमत देने का अपना वादा निभाना ही होगा।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने उन 6 किसानों को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की जो पिछले करीब 10 दिनों से जारी इन विरोध प्रदर्शनों में अपनी जान गंवा चुके। उन्होंने भावुक लहजे में कहा कि ये तानाशाही सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते लाखों देशवासियों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रही है। देश को बेचने पर तुली इस निकम्मी व नाकारा सरकार को इन किसानों की आवाज सुननी ही होगी।
कैसी अजीब विडम्बना है कि 70 सालों में पहली बार किसान अपना भला नही चाह रहा और ये सरकार जबरदस्ती उनका भला करने पर उतारू है।

इस मौके पर ओमप्रकाश दहिया राजपुरा, ललित शर्मा शेरपुर, राजपाल यादव, मंजीत चौहान, सुरेश रंगा, मुकेश देवी, राजबाला, सरोज व ममता सहित अनेक लोग साथ रहे।

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