गुरुग्राम। कृषि के तीन काले कानून के खिलाफ धरने पर बैठे अखिल भारतीय संघर्ष समन्वय समिति को गुरुग्राम जिले के सैंकड़ों किसानों-मजदूरों ने मिनी सचिवालय पर दिनभर भूख हड़ताल कर समर्थन किया तथा केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, धरने की अध्यक्षता राजेश ठाकरान ने की तथा राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार सुनील कुमार के मार्फ़त ज्ञापन सौंपा।

वरिष्ठ श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 3 कृषि कानून पास किये हैं, जो कि किसानों पर जबरदस्ती थोंप रही है। देश मे किसी भी किसान ने कोई कानून की मांग नहीं की। केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट घराने के दबाव में आकर जो काले कानून पास किये हैं उससे कृषि व्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि नए कानून के मुताबिक कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में किसान कोर्ट का दरवाजा भी नहीं खटखटा सकता।

मंच का संचालन कर रहे डॉ प्रेमपाल ने बताया कि ठंड में मौसम में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर वाटर कैनल चलाना सरकार की कायरता दर्शाती है। जिले के किसान-मजदूर की सयुंक्त समिति  ने ज्ञापन में तीन मुख्य मांगे रखी है कि किसानों के अहित में थोपे गए विधेयक को निरस्त किया जाए व आंदोलन के चलते जो किसान शहीद हुए हैं, उनके परिजनों को एक करोड़ की राशि व एक सरकारी नौकरी दी जाए तथा आंदोलन में शामिल किसानों पर लगाये गए झूठे मुकद्दमों को वापस लिया जाए।

हरि सिंह चौहान, जयप्रकाश त्यागी, राजेश श्योराण, बीरेंद्र सिंह, वेदप्रकाश, रवि कुमार त्यागी, पीटीआई एसोसिएशन से महेश कुमार, रविन्द्र कुमार, दीपक, सम्पत सिंह, पंडित निरंजन आर्य, मनीष कुमार, भीम सिंह, बेलसोनिका से महेंद्र कपूर, अजित सिंह, आईएमके से योगेश, ट्रेड यूनियन कॉउंसिल से अनिल पंवार, जसपाल राणा, सुजुकी बाइक से अमित पाढ़ा, गम्भीर सिंह, एफएमआई से सज्जन, एमपीटी से श्रीभगवान, मारुति मानेसर से राकेश आदि ने भाषण दिया।

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