भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

जिस प्रकार किसान आंदोलन को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है, उससे हरियाणा सरकार में गहन चिंता छाई हुई है। मंगलवार को जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला और दिग्विजय चौटाला के ब्यान आए कि हम किसानों की मांग का समर्थन करते हैं। अजय चौटाला ने कहा कि जब एमएसपी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री और सभी मंत्री हां भर रहे हैं तो लिखने में क्या हर्ज है। इसी प्रकार दिग्विजय चौटाला ने भी कहा कि सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए। हम मीटिंग पर निगाह जमाए हुए हैं और किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। 

जोगीराम सिहाग, सोमवीर सांगवान, बलराज कुंडू आदि विधायक तो सरकार दूर होने की बात कर ही चुके हैं। इसी प्रकार खाप पंचायत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अपील के पश्चात सूत्रों के अनुसार कुछ और विधायक भी समर्थन वापिस ले सकते हैं।

इधर भाजपा के मंत्री जहां निकलते हैं, उन्हें काले झंडे दिखाए जाते हैं। भाजपा के प्रवक्ताओं के ब्यान आने भी बंद हो गए हैं। सुनने में यह भी आ रहा है कि जो वरिष्ठ भाजपाई मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे थे, वे इस समय दबे शब्दों में मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर दोषारोपण करने लगे हैं अपने समर्थकों में।

इधर किसान आंदोलन को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। कारण शायद यह है कि हमारा देश ही कृषि प्रधान है और हरियाणा में भी 75-80 प्रतिश किसान हैं तो कर्मचारी वर्ग हो, यातायात हो, सेना हो, पुलिस हो, कामगार हों, सभी का कहीं न कहीं किसान परिवारों से संबंध अवश्य है। आज दक्षिणी हरियाणा जिसमें अभी तक किसान आंदोलन में उग्रता नहीं देखी गई थी, वहां भी किसानों के मन का हाल जान नेता सक्रिय हो गए हैं किसानों को प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए।

इन स्थितियों को देखते हुए जनता में यह भी चर्चा है कि खट्टर सरकार इस आंदोलन को संभाल नहीं पाएगी और अपने ही बोझ से गिर जाएगी।

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