HARIYANA CHIEF MINISTER BHUPINDRA SINGH HOODA ADDRESING MEDIA AT HIS RESIDENCE IN NEW DELHI ON SUNDAY.PIC BY RAMAKANT KUSHWAHA.19 OCTOBER2014
बीजेपी – जे जे पी सरकार ने वापिस नहीं लिए केस तो हमारी सरकार बनते ही किए जाएंगे खारिज- हुड्डा
किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल मामूली नहीं, अमानवीय कार्रवाई है – हुड्डा
बिना देरी किए किसानों की मांगों पर विचार करे सरकार, सभी मांगे जायज़, मिले एमएसपी की गारंटी- हुड्डा

30 नवंबर, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन में गिरफ्तार किए गए नेताओं को तुरंत रिहा करने और तमाम किसानों पर दर्ज़ केस वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा सरकार ने केस वापिस नहीं लिए तो हमारी सरकार बनते ही सभी को खारिज किया जाएगा। हुड्डा ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीक़े से हर वर्ग को अपनी आवाज़ सरकार तक पहुंचाने का अधिकार है। किसानों को गिरफ्तार करके या उन्हें झूठे मुक़दमों में फंसाकर, उनकी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। जिस तरह हरियाणा सरकार के आदेश पर पुलिस ने घरों में घुसकर सोते हुए किसानों को गिरफ्तार किया, ये पूरी तरह निंदनीय है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री के उस बयान की भी निंदा की है जिसमें मुख्यमंत्री ने किसानों पर आंसू गैस और वाटर कैनन के इस्तेमाल को मामूली कार्रवाई बताया था। हुड्डा ने कहा कि महामारी के इस दौर में कड़कड़ाती ठंड और खुले आसमान के नीचे अपना घर छोड़कर निकले किसानों पर ठंडे पानी की बौछारें बरसाना मामूली नहीं बल्कि अमानवीय कार्रवाई है। मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि बुज़ुर्ग और दिव्यांग किसान भी जिस आंदोलन का हिस्सा हों, उसपर आंसू गैस का इस्तेमाल कितना घातक साबित हो सकता है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे थे। वो हरियाणा सरकार से किसी तरह का टकराव नहीं कर रहे थे और ना ही वो हरियाणा में किसी तरह का धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग केंद्र सरकार से थी। ऐसे में हरियाणा सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो किसानों को अपनी राजधानी में जाने से रोके। बावजूद इसके सरकार ने किसानों को रोकने के लिए हर हथकंडा अपनाया।

नेता प्रतिपक्ष ने दोहराया कि सरकार को किसानों की मांग मानने में ज़रा भी देरी नहीं करनी चाहिए। किसानों की मांग पूरी तरह जायज़ और स्पष्ट है। उनका कहना है कि या तो इन क़ानूनों को वापस लिया जाए, नहीं तो उन्हें एमएसपी की गारंटी दी जाए। प्रदेश का किसान आज जिस मुश्किल दौर से गुज़र रहा है, सरकार की तरफ से उसे संरक्षण देने की ज़रूरत है। क्योंकि एक तरफ खेती की लागत बढ़ती जा रही है और दूसरी तरफ सरकार एमएसपी से हाथ खींच रही है।

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