28 नवंबर 2020 –  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा वासियों से अपील की कि वे गंभीरता से विचारे जिस भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सत्ता दुरुपयोग से सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढे खुदवाए, रेत व बड़े-बड़े पत्थर डालकर, कांटों की बाड़ लगाकर सडक़ मार्ग अवरुद्ध किया, किसानों पर लाठियां बरसाई, भयंकर सर्दी में वाटर कैनिंग चार्ज किया, आंसू गैस गोले दागे क्या ऐसी जनविरोधी, किसान विरोधी सरकार को सत्ता में बने रहने का एक क्षण का भी नैतिक अधिकार है?           

विद्रोही ने कहा आमजनों के मौलिक, संवैधानिक अधिकारों पर खुलेआम डाका डालने वाली भाजपा-जजपा सरकार को सरकार में बने रहने का कोई नैतिक व लोकतांत्रिक अधिकार अब बचा नहीं1 हरियाणावासी विशेषकर किसान-मजदूर वर्ग बिचारे क्या मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ,उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, सरकार के मंत्रियों-संतरियो, भाजपा -जजपा सांसदों-विधायकों-नेताओं को गांव में क्यों घुसने दिया जाए?           

 विद्रोही ने चेताया यदि हरियाणावासियों ने मिलकर कोई कठोर निर्णय नहीं किया तो आने वाले दिनों में लोकतंत्र, संविधान का कोई मायने नहीं रहेगा1 और हर सत्तारूढ़ दल आम जनों के अधिकारों व आवाज को कुचलने खातिर ऐसे ही फासिस्ट हथकंडे भविष्य में अपनाएगा1               

वही विद्रोही ने पंजाब हरियाणा के जांबाज, जुझारू अन्नदाता किसानों को बधाई दी कि उनके संघर्ष के कारण मोदी-भाजपा-संघी सरकार व उसकी पुलिस के होश उड़ गए1 और वे समझ ही नहीं पा रहे किसानों के संघर्ष से कैसे निपटा जाए1 यह किसान संघर्ष की पहली नैतिक जीत है1 यदि इसी तरह किसान 3 काले किसान कानूनों के खिलाफ सडक़ों पर लड़ते रहे तो मोदी सरकार को मजबूर होकर तीनों काले किसान कानून को हर हालत में वापिस लेने ही पड़ेंगे1 

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