… इत्ती फीस तो सरकारी स्कूल में भी देनी ही होगी, तभी बच्चा पढ़ेगा

विभिन्न साकारी स्कूल, सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल घोषित.
प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर गरीब परिवारों के बच्चे कैसे पढ़ेंगे अब अंग्रेजी

फतह सिंह उजाला

पटौदी। सावधान … दाखिला फीस के नाम पर 1 से 5 वीं कक्षा तक 500 रुपए, 6 से 12 वीं कक्षा तक 1000 रुपए देंगे होगें ही साथ में मासिक फीस के रुप में 1 से 3 कक्षा तक 200 रुपए, 4 से 5 वीं कक्षा तक 250 रुपए, 6 से 8 वीं कक्षा तक 300 रुपए, 9 से 10वीं कक्षा तक 400 रुपए तथा 11 से 12वीं कक्षा के छात्रों को 500 रुपए फीस देनी होगी। यह पढ़कर अभिभावकों कों झटका जोर से ही लगेगा। यह फीस किसी प्राइवेट स्कूल की नहीं, बलिक सरकार के द्वारा घोषित अथवा परिवर्तित किये गए सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लिए तय हुई है। अब सवाल यही है कि सस्ती शिक्षा गरीब अभिभावक अपने बच्चों को किस प्रकार से दिलाने का सपना पूरा कर सकेंगे।

अगर आपके बच्चे फर्रुखनगर के राजकीय वरिष्ठ माधमिक विद्याल (लडकों) में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। तो अगले सत्र से उन्हें प्राईवेट स्कूलों की तर्ज पर फीस भी अदा करनी होगी। इतना ही नहीं चयनित छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा। चयन परीक्षा में विफल छात्रों को 6 से 15 किलों मीटर का लम्बा सफर तय करके खैंटावास, मुशैदपुर, पातली, जमालपुर, बुढेडा, जाटौला, कालियावास, जोनियावास, खंडेवला आदि गांवों में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालों में शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ सकता है।

प्रदेश सरकार द्वारा पटौदी सहित फर्रुखनगर क्षेत्र के स्कूलों को अपग्रेड करके सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तबदील कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार का आभार जताया है। उनका कहना है कि अब कम फीस में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर गरीब परिवार के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम से अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे ही और साथ में फर्राटेदार अंग्रेजी में बाते भी करेंगे। वहीं उन्होंने सरकार से अत्यंत गरीब परिवार जो कठिन हालातों के बीच बच्चों को सरकार द्वारा दिए गए शिक्षा के अधिकार के तहत सरकारी स्कूल में निरूशुल्क शिक्षा दिलाकर बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करके पढा रहे है। जो फीस भरने में सार्मथ नहीं है उन्हें राहत देने की मांग की है। क्योंकि सरकार द्वारा सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आने वाले छात्रों को विभिन्न योजनाओं के तहत खाना, वर्दी, जूते, कापी, किताब, जर्सी आदि के लिए नगद रुपए भी दिए जाते थे। लेकिन अब उन्हें बच्चों को दाखिला फीस के नाम पर 1 से 5 वीं कक्षा तक 500 रुपए, 6 से 12 वीं कक्षा तक 1000 रुपए देंगे होगें ही साथ में मासिक फीस के रुप में 1 से 3 कक्षा तक 200 रुपए, 4 से 5 वीं कक्षा तक 250 रुपए, 6 से 8 वीं कक्षा तक 300 रुपए, 9 से 10वीं कक्षा तक 400 रुपए तथा 11 से 12वीं कक्षा के छात्रों को 500 रुपए फीस देनी होगी।

जिला परिषद गुरुग्राम के वाइस चेयरमैन संजीव राव, किसान नेता राव मानसिंह, नीरू शर्मा पूर्व नगर पार्षद फर्रुखनगर, समाजसेवी राजबीर शर्मा सैहदपुर, पंडित कृष्ण पातली, अशोक यादव धानावास, विनोद कुमार डिघलिया, नपा पार्षद मुरारी लाल सैनी, कोच कुलदीप कटारिया, सैनी सभा के पूर्व प्रधान हुकम सिंह सैनी, किशन लाल सैनी, राव शिवलाल प्रधान, मुंशी राम,  पूर्व सरपंच सुरेश माजरी, आदि ने सरकार के निर्णय की सरहाना करते हुए कहा कि यह क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है कि उनके स्थानीय स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे। गरीब परिवार के बच्चे भी नीजि स्कूलों की तर्ज पर सस्ती और अच्छी शिक्षा पा सकेगें। लेकिन सरकार को चाहिए कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्याल फर्रुखनगर में शिक्षा ग्रहण कर रहे करीब 581 छात्रों को बिना किसी चयन परीक्षा के मॉडल संस्कृति स्कूल में दाखिला दिलाये और जो परिवार फीस भरने में सार्मथ नहीं है उनकी फीस माफ की जाए। 

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