कमलेश भारतीय

कभी साहित्यकारों से सवाल पूछा जाता है कि यदि आप किसी पानी वाले जहाज में सफर कर रहे हों और जहाज डूबने को हो तो किस किताब को बचाओगे ? यानी आपकी सबसे प्रिय पुस्तक कौन सी होगी ? सबके अलग अलग जवाब होंगे । इसी तरह आज मैं अपने आप से पूछता हूं पहले कि यदि दीपावली पर एक ही दीया जलाना हो तो किसके नाम का जलाओगे ? किसके नाम रोशन करोगे दीया ? शायद साहित्य के लिए ही । साहित्य का दीया सारे समाज को रोशन करता है और रोशनी बांटता है । साहित्य हमारा सबसे अच्छा दोस्त जो बिना किसी क्लास के सारा ज्ञान उपलब्ध करवा देता है । हमें और हमारी आत्मा को गर्माहट देता है जैसा निर्मल वर्मा ने मुझे एक इंटरव्यू में कहा था ।

इसी प्रकार कुछ लोग आयोजन कर रहे हैं -एक दीया वीर जवानों के नाम । यह भी बहुत शानदार परंपरा ।।शहीद जवान ही हैं जो हमारे सुख आराम से जीने के लिए अपना आप होम कर देते हैं । ये तो साक्षात दीया हैं । हमारे प्राणों के लिए अपना जीवन उत्सर्ग करने वाले । सच । इनके नाम का दीया जरूर जलाना मित्रो । ये हंसते हंसते हमारे लिए क़ुर्बान हो जाते हैं । जहा जहां इनके छोटे या बड़े स्मारक बने हैं , वहां जरूर दीया जलाना । इन्हें याद करना । बहुत जरूरी है ।

एक दीया ही जलाना तो नारी या मां के नाम का जलाना जिसने हमें जन्म दिया । पाला पोसा और ढेर सारा प्यार और संस्कार दिया । हक बनता है मां का । पर नारी के लिए इसलिए कि नारी हमारे समाज को सत्यम् , शिवम् और सुंदरम् बनाती है । हम हैं कि अंधेरे में , अकेले में इसे अपना शिकार बना लेते हैं । एक दीया जरूर जलाना ताकि ज्ञान मिले कि नारी पूजा के योग्य है , अपराध के लिए नहीं । यत्र नारी पूज्यंते , रमनते तंत्र देवता । इसलिए एक दीया नारी के नाम का जलाना , मित्रो ।

बाकी दीया आपका और चुनाव आपका । हां , मां भारती के लिए एक दीया सब जलाना । जय हो । दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं सबको ।

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