-शराब घोटाला दबाना, सरकार और शराब माफिया के गठजोड़ का सबूत.-खट्टर राज में हरियाणा बना जहरीली शराब का हब. पटौदी 06/11/2020 : ‘करवा चौथ की मेहंदी का रंग उतरने से पहले ही जहरीली शराब के तांडव ने 40 से अधिक सुहागिनों की मांग का सिंदूर पौंछ दिया। आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है ?, आखिर किसकी शह पर ये शराब माफिया हरियाणा प्रदेश में पनप रहा है?, क्या ये मौतें शराब माफिया और खट्टर सरकार की आपसी का गठजोड़ का नतीजा तो नही ?’ उक्त सभी सवाल कॉन्ग्रेस नेत्री व पार्षद सुनीता वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हरियाणा सरकार से पूछे। उन्होंने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में इस बात को लेकर आक्रोश व्यक्त किया कि आखिर शराब घोटाले की जांच किसकी शह पर बन्द की गई, आखिर प्रदेश के बहुत बड़े शराब घोटाले को गुप चुप क्यों दबा दिया गया। कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि क्या प्रदेश में सरकार और शराब माफिया गठजोड़ काम कर रहा है, जो शराब घोटाले की न ही कोई जांच हुई, न ही कोई एफआईआर हुई और न ही कोई दोषी साबित हुआ।पार्षद वर्मा ने कहा कि इस जहरीली शराब से मरने वाले सभी गरीब, मजदूर और वंचित तबके के लोग हैं। ये लोग दिनभर हाड़तोड़ मेहनत व मजदूरी करने के बाद शाम को अपनी थकावट मिटाने के लिए शराब का सेवन कर लेते हैं, जो इनकी मौत का कारण बना। अब परिवार के मुखिया की मौत इस जहरीली शराब से हो जाने के बाद इनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, इन्हें संभालने वाला कोई नही। इसलिए हम सरकार से इस शराब कांड मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं और हमारी मांग है कि दोषी चाहे वो कोई अधिकारी है या शराब माफिया है उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। कॉन्ग्रेस नेत्री ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मृतक परिवारों को 25 – 25 लाख की आर्थिक मदद की जाए और पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए और इस जहरीली शराब के प्रभाव से अस्पतालों में भर्ती सभी मरीजों को भी 5 – 5 लाख की मदद दी जाए ताकि उन बिखर चुके परिवारों को संभाला जा सके। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में नकली शराब बनाने वाले गिरोह पर सख्ताई से अंकुश लगाया जाए और इन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाला जाए, क्योंकि नकली शराब बेचने वाले गिरोह का पनपना सरकार की विफलता को साबित करता है Post navigation खुले दरबार में गूंजा…खेत में जबरन बिजली ट्रांसफार्मर लगाने का मामला एमएलए जरावता ने उठाया एक और नगर निगम बनाने का मुद्दा