आरोप विभाग ने ट्रांसफार्मर लगाने से पहले नहीं दी जानकारी.एमएलए जरावता के निर्देश विभाग अपने खर्चे पर बदले ट्रांसफार्मर फतह सिंह उजाला पटौदी । अक्सर ऐसा ही होता है विभाग कोई भी हो और विभाग के अधिकारी अपनी सुविधा के मुताबिक काम तो कर देते हैं । लेकिन यही किया गया काम बाद में विभाग के अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बन जाता है और विभाग पर आर्थिक खर्च का बोझ अलग से भी पड़ता है । ऐसा ही एक मामला पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा लगाए गए खुले दरबार में गूंज उठा । मौके पर बोहड़ाकला बिजली सब स्टेशन के अधिकारी भी मौजूद थे । जब प्रार्थी और अधिकारियों के बीच खुले मंच पर आमने-सामने सवाल-जवाब हुए तो अधिकारियों से जवाब देते नहीं बना। इस पर एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने निर्देश दिए कि बिजली विभाग अपने खर्चे से ही बिजली ट्रांसफार्मर को किसी अन्य स्थान पर स्थापित करें । बोहड़ाकला निवासी अजय सिंह पुत्र रतनलाल के द्वारा खुले दरबार से पहले बोहड़ाकला के बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायत देकर अपने खेत में जबरन लगाए गए बिजली ट्रांसफार्मर को किसी अन्य स्थान पर बदलने की मांग की । लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाने पर मामला खुले दरबार में पहुंच गया । अजय सिंह के द्वारा दी गई शिकायत में बताया गया है कि गांव के ही हनुमान मंदिर के सामने उसकी खेती की जमीन है और यहां स्थानीय बिजली विभाग और अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व सूचना और सहमति के ही 6 अक्टूबर को खेत के बीच में बिजली का ट्रांसफार्मर लगा दिया । यह कार्य किया जाने से पहले विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार की मंजूरी ली गई और नहीं जानकारी देना जरूरी समझा गया । प्रार्थी का कहना है कि बिजली ट्रांसफार्मर लगाया जाने के बाद से उसे अपने खेत में काम करने में और खेती बाड़ी करने में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । वही जाने-अनजाने किसी भी हादसे का डर सताता रहता है । इस संदर्भ में खुले दरबार में बिजली विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया कि खेत में बिजली ट्रांसफार्मर लगाने से पहले खेत मालिक को सूचना क्यों नहीं दी गई , अथवा विश्वास में क्यों नहीं लिया गया ? पीड़ित के द्वारा यह भी कहा गया कि अब बिजली विभाग ट्रांसफार्मर को बदलने का खर्चा भी उसी से ही वसूलने की मांग कर रहा है । ऐसे में एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने बिजली विभाग की लापरवाही बताते हुए बिजली ट्रांसफार्मर को विभाग के खर्चे पर ही किसी अन्य उचित स्थान पर बदलकर स्थापित करने के निर्देश दिए। Post navigation शिक्षा में बदलाव की बयार : सरकारी प्राइमरी स्कूल के छात्र-छात्राएं भी पढ़ सकेंगे अब अंग्रेजी जहरीली शराब से हुई मौतों की जवाबदेही किसकी ? : सुनीता वर्मा