कहीं मुख्यमंत्री की इमेज बिल्डिंग का कार्य तो नहीं

हरियाणा में सीएम फ्लाइंग जिस प्रकार से छापेमारी कर रही उससे उससे तो यही प्रतीत होता है कि वही एकमात्र ऐसी टीम है जो सक्रिय भूमिका निभा रही है बाकी सब व्यर्थ की तन्ख्वाएँ लेने वालों में से हैं अर्थात नकारा हैं !

सीएम फ्लाइंग चंडीगढ़ से चलकर विभिन्न स्थानों पर रेड डालकर लाखों-करोड़ों कीमत के मादक पदार्थों की बड़ी खेप पकड़ रही है , मेडिकल स्टोर्स पर नशीली दवाओं को पकड़ उनके लाइसेंस कैंसिल करा रही है , नकली खाद्यसामग्री बेचने वालों को पकड़ उनपर कार्यवाहियां कर रही है अर्थात अपनी सक्रियता दर्शा रही है !

सवाल यह उठता है कि सम्बंधित विभागों की महत्ता क्या रह गई है – स्थानीय अधिकारियों को यह जानकारीयाँ क्यों नहीं और यदि होती हैं तो वह जवाबदेह क्यों नहीं ?

विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई जिनके क्षेत्र में यह सब गतिविधियां चल रही थी ? उनकी जांच की जानी चाहिए थी कि कहीं इसमें इनकी कोई भूमिका और सांठ-गाँठ ( संलिप्तता ) तो नहीं ? यदि नहीं तो डीसी साहब से , खाद्य विभाग , नारकोटिक्स डिपार्टमेंट , एक्ससाइज तथा ड्रग्स कंट्रोल टीम , खुफिया विभाग और पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पूछा जाए की ईन गतिविधियों के पीछे कोंन हैं और किसकी शह पर चल रहे थे ऐसे गोरख धंधे जिनकी जानकारी सीएम फ्लाइंग को तो थी मगर उन्हें नहीं और अगर थी तो कार्यवाही करने के लिए किसने रोका था और किसके आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे थे ?

अलग-अलग विभागों की सभी छापेमार टीमें बनी हुई हैं उन्हें धता बता रही , उनके वजूद में होने पर सवालिया निशान लगा रही सीएम फ्लाइंग को हथियार के रूप में इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा ?

कहीं मुख्यमंत्री जी की इमेज बिल्डिंग का कार्य तो नहीं किया जा रहा स्थानीय विभागों की टीमों से अधिकार छीनकर केवल सीएम फ्लाइंग से ही कार्यवाहीयाँ कराकर ? यह सवाल इसलिएँ भी उठता है क्योंकि प्रदेश के गृहमंत्री भी अपनी फ्लाइंग टीम बनाने के पक्ष में हैं और परिवहन मंत्री भी अपनी अलग से फ्लाइंग टीम को मजबूत करना चाहते हैं !

मुख्यमंत्री जी तथा उनके मंत्रीगण अपनी अपनी फ्लाइंग टीमें बनाने के पक्षधर हैं तो ईन विभागों की क्या आवश्कता रह जाती है , फालतू की सेलरियाँ देने के लिए रख जनता की गाढ़ी कमाई को क्यों लुटाया जा रहा है ? यद्यपि इनकी जरूरत है तो फिर इनके विभागों को वहीँ से सूचनाएं साँझा कर कार्यवाही करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं मगर सवाल तो वाह-वाहियां लूटने का है जिसमे भाजपा की मनोहर सरकार कभी पीछे हटती नहीं दिखाई देती है क्योंकि एक वही तो हैं बाकी सब तो कुछ कर ही नहीं रहे ?

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