पवन कुमार को लाभ का पद देकर उसकी बिरादरी के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है

भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने हाशिए पर डाल दिया है: अभय चौटाला

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर: इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने शनिवार को अपने चंडीगढ़ निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर आचारसंहिता का उल्लंघन करने का बड़ा आरोप लगाया और पत्र लिख कर चुनाव आयुक्त से आग्रह किया है कि बरोदा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के नामांकन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ चुनाव आयोग बड़ी-बड़ी हिदायतें जारी कर रहा है दूसरी तरफ सत्ता में बैठे लोग आचारसंहिता की कैसे धज्जियां उड़ा रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण है कि आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री अपने काफिले के साथ गोहाना में गए वहां प्रेस वार्ता करके आए थे। उन्होंने कहा कि ये ठीक है कि मुख्यमंत्री के साथ सुरक्षा कर्मी जा सकते हैं परंतु मुख्यमंत्री सरकारी मशीनरी लेकर वहां नहीं जा सकते जहां आचारसंहिता लगी हो।

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष औम प्रकाश धनखड़ एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि कानूनों के पक्ष में बिना अनुमति लिए ट्रैक्टर रैली निकाली जो की आचारसंहिता का सरासर उल्लंघन है। आचारसंहिता लगने के बाद अगर कोई पार्टी इस तरह का आयोजन करती है तो उसका सारा खर्च उस उम्मीदवार के खाते में जुड़ता है।

इनेलो नेता ने कहा कि सबसे बड़ी आचारसंहिता की धज्जियां तब उड़ाई गई जब भाजपा सरकार ने बोर्ड व निगमों के 14 चेयरमैन की नियुक्ति की जिसमें खरखोदा से पवन कुमार को भी चेयरमैन बनाया गया। आज पूरे सोनिपत में आचारसंहिता लगी हुई है और इस समय पवन कुमार को लाभ का पद देकर उसकी बिरादरी के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है जो की सरेआम उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव आयुक्त से आग्रह किया कि सरकार के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए उनके सभी निर्णयों पर रोक लगाई जाए।

इनेलो नेता ने कांग्रेस पर भी नौटंकी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जैसा की कांग्रेस दावा कर रही थी की 15 अक्तूबर को वो अपने उम्मीदवार का ऐलान कर देगी लेकिन 15 अक्तूबर को डा. नरवाल को टिकट का लालच देकर भूपेंद्र हुड्डा ने भ्रम की स्थिति बनाए रखी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कुमारी शैलजा द्वारा हस्ताक्षर किए हुए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि आज कैसे भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने हाशिए पर डाल दिया है कि स्वयं भूपेंद्र हुड्डा को भी इस बात का पता नहीं था कि टिकट तो 14 अक्तूबर को ही इंदूराज नरवाल नाम के एक व्यक्ति को दे दी गई थी।

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