गुरुग्राम 15 अक्टूबर।  जिला में आज क्लिनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट के लिए गठित जिला रजिस्टरिंग अथोरिटी की पहली बैठक उपायुक्त अमित खत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें उन्होंने जिला में संचालित हो रहे अस्पतालों तथा लेबोरेट्री को इस एक्ट के तहत स्वयं को रजिस्टर करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे अस्पतालों तथा लेबोरेट्रियों की आमजनता में विश्वसनीयता बढे़गी।

इस एक्ट के तहत जिला में अब तक 51 बैड से अधिक क्षमता वाले 23 अस्पतालों तथा 192 लैबोरेट्री ने अपना प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन करवाया है।  बैठक में उप सिविल सर्जन डा. अनुज गर्ग ने बताया कि क्लिनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट सन 2010 में बना था और इस एक्ट के अंतर्गत हरियाणा सरकार ने सन 2018 में रजिस्ट्रेशन तथा रेगूलेशन नियम लागू किए। एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुसार 51 बैड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।

अभी तक हरियाणा में इस एक्ट के तहत अस्पतालों का प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है जिसे हर साल रिन्यू करवाना होता है। उन्होंने बताया कि सन 2019 में सभी लेबोरेट्रियों को भी एक्ट के अंतर्गत लाया गया। सभी लेबोरेट्रियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें बेसिक , मीडियम तथा एंडवास्ड श्रेणी बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गुरूग्राम जिला में सर्वाधिक 192 लेबोरेट्रियों का प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन किया गया है।

  सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने कहा कि एक्ट में हालांकि 51 बैड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों  के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है परंतु कम बैड वाले अस्पताल भी स्वयं का रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत करवा सकते हैं जिससे उनकी लोगों में विश्वसनीयता बढे़गी। बैठक में आईएमए गुरूग्राम के अध्यक्ष डा. महावीर जैन सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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