महिलाएं पारंपारिक हरियाणवी वेशभूषा धारण कर ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंची

राष्ट्रीय महिला जाट मंच की महिलाओं ने गुरुवार को किसानों के पक्ष में राजीव चौक से लेकर लघु सचिवालय तक प्रदर्शन कर बनाए गए कानूनों में बदलाव की मांग की। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं किसानों के रंग में रंगी नजर आई। तीन ट्रैक्टरों में सवार महिलाएं खुद ही ट्रैक्टर चलाकर लघु सचिवालय तक नारेबाजी करती हुई पहुंची। किसानों के पक्ष में इस विरोध प्रदर्शन के लिए दूर-दूर से गुरुग्राम आई इन महिलाओं ने किसान विरोधी कानून के खिलाफ अत्यंत रोष दिखाया।

 स्वयं को किसान पुत्री साबित करते हुए, नारों से आकाश को गुंजायमान करते हुए और स्वयं ट्रैक्टर चलाते हुए महिलाएं लघु सचिवालय तक पहुंची। राष्ट्रीय महिला जाट मंच की संस्थापक रमा राठी ने बताया कि किसानों की फसल का न्यूनतम निर्धारित मूल्य मिलना चाहिए, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होनी चाहिए, और मंडियों का नवीनीकरण होना चाहिए। उक्त मांगों को लेकर महिला सदस्यों द्वारा मौके पर मिले तहसीलदार जावेन्द्र मलिक को महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा गया। नीलम गुलिया ने हरियाणवी कहावत कहते हुए कहा कि एक जाठणी-जाटणी, दो जाटणी-मौज, तीन जाटणी-कंपनी और चार जाटनी फौज के बराबर है। सरकार एमएसपी का प्रावधान लिखित में करें।       

  राष्ट्रीय महिला जाट मंच की अध्यक्ष शर्मिला रोज ने बताया हमारा आंदोलन हमारे किसान भाइयों को एक संदेश है, कि इस जंग में वे अकेले नहीं, हम किसान पुत्रियां भी उनके साथ हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं पारंपारिक हरियाणवी वेशभूषा धारण कर ट्रैक्टर  पर सवार होकर पहुंची।         

 इस मौके पर राष्ट्रीय महिला जाट मंच की उप-प्रधान डॉ पुष्पा धनखड़, नीलम गुलिया, आशा राठी ,मंजू देशवाल, गीतिका खत्री, सुमन हुड्डा , डॉ सुनीता कटारिया, डॉक्टर सोनू बल्हारा, उर्मिला डबास, सुदेश डबास, सविता कटारिया, सुनीता मलिक, गीतू परी, राजवंती दहिया, शालिनी अहलावत, ज्योत्सना गुलिया, कमलेश रावीश, श्रुति रावीश, होशियारी, इंदिरा कटारिया, संगीता ठाकरान स्वाति दहिया, संतोष किलोर दिव्या राठी, सुनीता जांघू, संतोष राठी, बिमला धनखड़, कविता सांगवान, रेनू इत्यादि समेत सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।

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