गुरुग्राम । विश्व भाषा अकादमी (रजि.) के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने केंद्र सरकार एवं हिंदीभाषी राज्य सरकारों से माँग की है कि जनहित की सूचनाएँ और कानूनी अधिसूचनाएँ सरल हिंदी में दी जाएं । उन्होंने कहा कि ये सूचनाएँ अंग्रेजी या कलिष्ट हिंदी में होने के कारण साधारण लोगों की समझ में नहीं आ पाती हैं, जिस कारण उन सूचनाओं या अधिसूचनाओं के प्रकाशन, प्रसार पर किये गए सरकारी साधनों का सही उपयोग नहीं हो पाता है ।

वे यहाँ अकादमी की पंजाब इकाई के तत्वावधान में आयोजित एक ऑनलाइन संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे । इस संगोष्ठी में पंजाब के प्रसिद्ध साहित्यकार सिमर सदोष, पंजाब इकाई अध्यक्ष डॉ. ज्योति गोगिया, डॉ. कुलविंदर कौर, डॉ. सोनिया, डॉ. समीर, वीना विज, गौरव मागो, अमर नरूला आदि ने विचार रखें एवं काव्य पाठ किया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा ने कहा कि सरकारी अधिसूचनाओं का हिंदी अनुवाद इतनी कलिष्ट भाषा में किया जा रहा है कि जिसे पढ़कर आम अधिकारी, कर्मचारी उस नियम को सही तरह से नहीं समझ पाता है और सरकार के संसाधनों का सही सदुपयोग नहीं हो पाता । यदि इसी जानकारी को सरल हिंदी में दे दिया जाए तो ही यह प्रयास सार्थक हो पाएगा ।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लचर सरकारी नीतियों के कारण ही भारत में अंग्रेजी का वर्चस्व नहीं टूट पा रहा है और सरकारी साधनों का सही सदुपयोग भी नहीं हो पा रहा है ।

error: Content is protected !!