सफाई कर्मचारी तीन दिन से नपा परिसर में हड़ताल पर बैठे.
प्रर्दशन करके नपा प्रशासन, सरकार विरोधी नारे भी लगाये.
सफाई कर्मचारी यूनियन प्रधान और अकाउंटेंट में ठनी

फतह सिंह उजाला          
पटौदी। 
  फर्रुखनगर नगरपालिका सफाई कर्मचारी यूनियन प्रधान के साथ अकाउंटेंट द्वारा दुरव्यवहार करने तथा ठेकेदारों की तानाशाही के विरोध में सफाई कर्मचारी तीन दिन से नपा परिसर में ही हड़ताल पर बैठे हुए है। जिसके चलते सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता पखवाडा में ही शहर में कूडे के अंबार लग गए है।

सफाई कर्मचारियों ने धरने के साथ  उल्टी झाडू हवा में लहराते हुए प्रर्दशन करके नपा प्रशासन, सरकार विरोधी नारे लगाये। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि पालिका सचिव दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाये उल्टे सफाई कर्मचारियों पर ही दवाब बनाते है। उन्होंने सफाई कर्मचारियों को हटाने के लिए ठेकेदार के नाम नोटिस तक जारी कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक यूनियन प्रधान सतीश के साथ अभर्दता करने वाले कर्मचारी व ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती तब तक धरने पर बैठे रहेंगे।

धरने पर बैठे सतीश सारवान प्रधान नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाण, इकाई फर्रुखनगर, गुरुग्राम , उप प्रधान सुरेंद्र सारवान, सचिव कृष्ण सारवान, महिला प्रधान किरण चैधरी, सलाहकार कृष्ण दरोगा आदि ने बताया कि नगरपालिका में ही कार्यरत सफाई कर्मचारी बक्सीस और उनकी पत्नी नीरू की बेटी की शादी नवम्बर 2020 में होनी तय हुई है। यूनियन प्रधान सतीस सारवान दो दिन पहले नगरपालिका कार्यालय में उनके पीएफ के करीब 2-3 लाख रूपए निकलवाने के बारे में वार्ता करने लेखाकार के रुम में गए थे। वहां लेखाकार ने प्रधान के साथ अभर्द व्यवहार किया और धक्के मार कर बहार निकाल दिया। इस बारे में नपा सचिव से कहा गया तो उल्टे सफाई कर्मचारियों पर ही वह दवाब बना रहे है। इसके अलावा उनकी नपा से सम्बंधीत जाइज मांगे है जो सरकार द्वारा कर्मचारियों के हकों के लिए लागु की है उनका भी लाभ नहीं मिलने तथा सफाई कर्मचारियों को शहर की सफाई के लिए झाडू, कस्सी, बेलचा, पंजी, टोकरा, कोलचा आदि औजार 2018 में दिए थे। जो अधिकांश जर्जर और टूट गए है। टूटे हुए औजारों की मरम्मत भी नहीं कराई जाती आदि मांगों को लेकर सभी सफाई कर्मचारी काम छोड पर प्रर्दशन कर रहे है। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई 2018 से सफाई कर्मचारियों का भत्ता सरकार द्वारा लागू किया गया है। जबकि नगरपालिका फर्रुखनगर के सफाई कर्मचारियों को 1 नवम्बर 2019 को 1-1 हजार रुपए सफाई भत्ते के रुप में दिए  है। झाडू भत्ता 24 मई 2018 से 150 रुपए लागू है , जबकि नपा फर्रुखनगर द्वारा 7 जनवरी 2019 से लागू किया गया।

वर्दी दी गई और जुते अभी तक नहीं

वर्ष 2014 से सफाई कर्मचारियों की वर्दी, जूते लागू है। जबकि फर्रुखनगर नपा द्वारा 2018 में ही एक बार सिर्फ वर्दी दी गई और जुते अभी तक नहीं मिले। आउट सोर्स पर लगे कर्मचारियों के 34 महीने पीएफ के जांच कराई जाये। ऑन लाइन पीएफ 17 से 20 हजार ही दर्शाया गया है। ईएसआई कार्ड अभी तक किसी भी कर्मचारी का नहीं बनाया गया। जबकि सफाई कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने रुपए काट लिए जाते है। डोर टू डोर कर्मचारियों में से एक ट्रैक्टर चालक व एक टाटा टीपर चालक की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन उनके आश्रितों को अभी तक कोई कलेम या पीएफ का भुगतान नहीं किया गया है।

झूठे आश्वासन ही दिए जाते है

सफाई ठेकेदार की मनमानी की शिकायत  देने के बावजूद भी कर्मचारियों को पालिका प्रधान व सचिव द्वारा केवल झूठे आश्वासन ही दिए जाते है। ठेकेदार के विरुध कोई कार्रवाई भी अमल में नहीं लाई जाती। उल्टा सफाई कर्मचारियों को ही नौकरी से निकालने का धमकी भरा नोटिस थमा दिया गया है।  शहर की सफाई के लिए नपा द्वारा डोर टू डोर का टेंडर करीब 6 लाख प्रति माह की दर से दिया गया है। अगर कोई सफाई कर्मचारी छुटटी करता है तो उसकी सैलरी से रुपए काट लिए जाते है । जबकि नगरपालिका कार्यालय से ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जाता है। इस मौके पर पवन , राज कुमार, बलजीत, समय सिंह, सचिन, प्रहलाद, श्याम लाल, रेखा, दीपिका, शांति, कविता, बबीता, पवन, नवीन, रोहित, पंकज, टोनी आदि सभी कर्मचारी धरने में शामिल हुए।  

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