पंजाब में हरसिमरन के बाद हरियाणा में किसान लेंगे दुष्यंत का विकेट. बीजेपी ने अपनी राजनीति के लिए चैटाला को बनाया हुआ है ढ़ाल. रणजीत और दुष्यंत चैटाला किसानों को छोड कुर्सी पर बैठे हुए

फतह सिंह उजाला

पटौदी। स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने केंद्र के कृषि अध्यादेश को लेकर हरियाणा कैबिनेट में दादा और पोते, बिजली मंत्री रंजीत सिंह और डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला पर बड़ा हमला बोला है । योगेंद्र यादव ने कहा की सिरसा में किसानों ने 6 अक्टूबर से पक्का मोर्चा लगा कर रखा हुआ है और किसान कृषि अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। किसानों के पक्का मोर्चा का मतलब यही है की यदि दुष्यंत चैटाला वास्तव में किसान, कमेरे, मजदूर वर्ग के हितैषी रहे पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के वंशज कहलाना चाहते हैं तो उन्हें कुर्सी छोड़कर किसानों के आंदोलन में किसानों का साथ देना चाहिए। अन्यथा हरियाणा मंत्रिमंडल में शामिल चैधरी रणजीत सिंह और डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला को देवीलाल के वंशज के कहलाने का भी कोई अधिकार नहीं है ।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से किसानों ने पंजाब में पहली विकट केंद्र में मंत्री हरसिमरन कौर बादल के इस्तीफे के रूप में ली है, हरियाणा में भी आंदोलनरत किसान पंजाब की तरह ही विकेट लेकर ही अर्थात दुष्यंत चैटाला का त्यागपत्र दिलवा कर ही दम लेंगे । यह बात उन्होंने बुधवार को पटौदी विधानसभा क्षेत्र की जाटोली अनाज मंडी और फरुखनगर अनाज मंडी में बाजरे की खरीद का जायजा लेने के साथ किसानों से बातचीत के उपरांत खास बातचीत में कही । योगेंद्र यादव मंडियों में बिक्री के लिए आ रहे बाजरा की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह से प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई दिए । उन्होंने कहा कि वास्तव में यह किसान की पसीने की फसल का श्रेष्ठ उदाहरण है ।

बातचीत के दौरान योगेंद्र यादव के निशाने पर मुख्यतः हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला और बिजली मंत्री रणजीत सिंह ही रहे । उन्होंने साफ साफ शब्दों में दो टूक कहा की इन दोनों को अब फैसला कर लेना चाहिए की इन्हें कुर्सी प्यारी है या फिर अन्नदाता किसान प्यारे हैं । एक सवाल के जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा की सत्ता में भागीदार बने चैटाला परिवार के सदस्यों को मौजूदा बीजेपी सरकार ने अपनी राजनीति के लिए ढाल बनाकर रखा हुआ है । हाल ही में पूर्व सीएम ओम प्रकाश चैटाला के द्वारा दिए गए बयान की इनेलो की सरकार बनती तो दुष्यंत ही सीएम होते के जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा कि यह सब चैटाला परिवार की राजनीति है , वही जाने । असल मुद्दा किसान हित और अधिकार की रक्षा का है । उन्होंने कहा घोर किसान विरोधी बिल का किसान और विभिन्न किसान संगठन विरोध करते हुए सड़कों पर उतरे हुए हैं , लेकिन यह भी सोचना चाहिए कि आखिर ऐसा क्या स्वार्थ अथवा मजबूरी है कि चैटाला परिवार के ही चैधरी रणजीत सिंह और दुष्यंत चैटाला किसानों को छोड़कर कुर्सी पर बैठे हुए हैं?

किसानों की मांगों का समर्थन करना चाहिए
जबकि किसान की बात करने और किसान के हितेषी होने के दावेदारों को आज किसानों के बीच में आकर किसानों की मांगों का समर्थन करना चाहिए । योगेंद्र यादव ने कहा किसान के नाम पर राजनीति करके किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया। जिसे अब किसान समझ चुके हैं और सहन भी नहीं करने वाले । एक अन्य सवाल के जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा की सरकार यह दावा कर रही है किसान का दाना दाना खरीदा जाएगा, लेकिन खरीद नहीं करने के सरकार ने अनेक बहाने भी बना रखे हैं । उन्होंने कहा की सरकार की नियत बाजरा खरीदने की है ही नहीं। इसका उदाहरण पटौदी क्षेत्र ही है , यहां करीब 10000 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है और प्रतिदिन औसतन 60 या 70 किसानों को मैसेज आ रहे हैं । इसी बात से साफ हो जाता है बीजेपी सरकार की क्या नियत है ।

भाषण देकर अन्नदाता का पेट भरेंगे
बीजेपी केवल और केवल भाषण देकर अन्नदाता किसान का पेट भरना चाह रही है । एमएसपी देना सरकार की नियत दिखाई नहीं दे रही । उन्होंने कहा की सरकार एक योजनाबद्ध तरीके से सरकारी मंडियों को खत्म करने के साथ-साथ खेती पर कारपोरेट घराने का दबदबा बनाने का खेल खेल रही है। इस पूरे खेल का पटाक्षेप आने वाले एक-दो वर्षो में ही देश के किसानों के सामने होगा । योगेंद्र यादव ने कहा कृषि अध्यादेश का सबसे अधिक नुकसान आढ़ती अर्थात व्यापारी वर्ग को होगा । कृषि अध्यादेश से केवल और केवल बड़े औद्योगिक घराने और कॉरपोरेट घरानों को ही लाभ मिलना तय है। योगेंद्र यादव ने सवाल किया जी किसी अध्यादेश का मसौदा तैयार किया जाते समय केंद्र सरकार के द्वारा देश के किसी भी किसान संगठन को मैं तो भरे उसमें में लिया गया, न हीं बात करने की जरूरत समझी गई । यहां तक की भाजपा का ही अपना एक संगठन , भारतीय किसान संघ भी आज सरकार की बाजरा खरीद नीति को लेकर जाटोली मंडी के बाहर धरने पर बैठा है । यह भारतीय किसान संघ का विरोध ही अपने आप में बहुत कुछ कहने के लिए पर्याप्त है इस मौके पर उनके साथ में स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन के दीपक लांबा इंद्रपाल रणवीर यादव दीपक पाटोदी जेसी यादव सपन खोला रवि भटनागर सहित और भी अनेक लोग शामिल रहे

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