2 अक्टूबर 2020. किसान बिलों व श्रमिक विधेयक के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत आज गांधी जयंती पर जिला कांग्रेस कमेटी रेवाड़ी द्वारा नई अनाज मंडी रेवाड़ी में आयोजित किसान बचाओ-मजदूर बचाओ दिवस धरने को सम्बोधित करते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं व हरियाणावासियों से आहवान किया कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व जय जवान-जय किसान का नारा बुलंद करनेे वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के पावन अवसर पर शपथ ले कि मोदी-भाजपा-संघी सरकार के किसान-मजदूर विरोधी कानूनों के खिलाफ तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक सरकार इन्हे वापिस लेने को मजबूर नही होती है।

विद्रोही ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी आंदोलन की लडाई लडक़र अनेक ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानी देकर देश को 15 अगस्त को आजाद करवाके किसान-मजदूरों व आमजनों को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलवाई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में किसान, मजदूर व आमजनों को संविधान द्वारा लोकतांत्रिक अधिकार देकर उनकी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक व सांस्कृतिक आजादी को संवैद्यानिक रूप दिया। पर आज किसान, मजदूर व आमजनों की आर्थिक, सामाजिक आजादी पर मोदी-भाजपा-संघी सरकार सत्ता दुरूपयोग से किसान-मजदूर विरोधी कानून बनाकर ना केवल उनकी आर्थिक आजादी छीन रही है अपितु अप्रत्यक्ष रूप से किसान-मजदूर को चंद बड़े पंूजीपतियों का आर्थिक गुलाम बनाने का षडयंत्र भी रच रही है।

 विद्रोही ने कहा कि किसान बिलों के द्वारा जहां किसान को चंद बड़े पूंजीपतियों के रहमो-करम पर छोडक़र उसकी फसलों की एमएसपी व्यवस्था अप्रभावी बनाने का षडयंत्र करके उनकी जमीन पंूजीपतियों को कॉन्ट्रक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों को पूरी तरह से बड़े पंूजीपतियों के रहमो-करम पर छोडने का षडयंत्र रचा जा रहा है। वहीं एमएससी को खत्म करने अप्रत्यक्ष षडयंत्र रचकर किसानों की फसले भी मनमाने ढंग से लूटने की साजिश की जा रही है। विद्रोही ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में परिवर्तन करके जमाखोरों को असीमित स्टॉक रखने का अधिकार देकर देश के 140 करोड़ उपभोक्ताओं को मनमाने भाव में खाद्य पदार्थ देेकर जमाखोर की तिजौरियां भरने का रास्ता साफ किया जा रहा है। वहीं श्रमिक विधेयक में परिवर्तन करके उद्योगपतियों को छंटनी करने व 12 घंटे तक श्रमिक को काम करवाने व हड़ताल के लिए 14 दिनों का नोटिस अनिवार्य करने का प्रावधान करके मजदूरों की आवाज को दबाने व छंटनी के बहाने मजदूर को काम से निकालने का डर दिखाकर मनमाने शोषण का रास्ता साफ किया है।

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस देशभर के किसान व मजदूरों के साथ खडी होकर इन काले कानूनों का विरोध तब तक करती रहेगी, जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापिस नही लेती है। उन्होंने हरियाणाभर के मेहनतकश, किसान, मजदूर, आमजनों व कांग्रेसजनों से आग्रह किया कि वे हरियाणा की भाजपा-खट्टर सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार को सत्ता से हटाने व किसान-मजदूरों और आमजनों के हितों की रक्षा के लिए सडक़ों पर लम्बी लड़ाई लडने के लिए तैयार रहे। धरने को हरीश सैनी, नरेश शर्मा, सरोज भारद्वाज, अमृतकलां टिकानियां, समय सिंह भारतीय किसान यूनियन, अशोक प्रधान, नरेश प्रधान, विजय सरपंच, गूगन प्रधान, देवकीनंदन, डा0 उमाशंकर यादव ने भी सम्बोधित किया।