◆ तृतीय व चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारियों की छठनी के विरोध में आंदोलन।◆ 500 से ज्यादा कर्मचारियों को किया गया नौकरी से बर्खास्त। गुरुग्राम में नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के माध्यम से नौकरी से निकाले गए तृतीय चतुर्थी श्रेणी के 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने नगर निगम गुरुग्राम व हरियाणा सरकार के खिलाफ विनम्र आंदोलन किया। निकाले गए सभी कर्मचारी वह नगर पालिका संघ हरियाणा की सरकार से यही मांग है की निकाले गए सभी कर्मचारियों को वापिस नौकरी पर लिया जाए और सभी की नौकरी रेगुलर बेसिस और निगम रोल पर लेने के लिए सरकार को फाइल के माध्यम से आवेदन भेजा जाए। अर्थात कुछ समस्याएं और मांगे जोकि लंबे समय से पूरी नहीं हो पाई है उन्हें भी जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाए। इस मौके पर नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के सभी पदाधिकारी व आउट सोर्स के कर्मचारी मौजूद रहे सभी ने एक ही आवाज में नारे लगाते हुए अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार निगम कमिश्नर गुरुग्राम से की इससे पहले वे सभी डीसी गुरुग्राम के पास भी अपनी गुहार लेकर गए थे डीसी ने आश्वासन दिया कि वह निगम कमिश्नर से बात करेंगे परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एडिशनल मुंसिपल कमिश्नर गुरुग्राम श्री विश्नोई जी को ज्ञापन सौंपा है और साथ में यह भी कहा है की कृपया उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और 1 अक्टूबर 2020 तक पत्र के माध्यम से संघ को अवगत कराया जाये अन्यथा मजबूरन यह आंदोलन एक विशाल आंदोलन में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा 1 अक्टूबर 2020 वीरवार को सिविल हॉस्पिटल के सामने नगर निगम के पुराने दफ्तर पे भी आंदोलन व धरना प्रदर्शन किया जाएगा।इस मौके पर नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान राजेश सारवान ने कहा कि बीते समय में भी कई बार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है जिसके लिए हम समय-समय पर अपने हक की लड़ाई लड़ते आए हैं बहुत से कर्मचारी ऐसे भी हैं जोकि आंदोलन व हड़ताल करके ठेकेदारी प्रथा से डायरेक्ट निगम रोल पर आए हैं इस आंदोलन को भी हम दृढ़ निश्चय और पूरी मेहनत के साथ आगे लेकर जाएंगे। पूर्व प्रधान नरेश मलकट ने बताया की यह सभी वही कर्मचारी हैं जोकि कोरोना काल जैसी महामारी में भी दिन रात काम करते आ रहे थे ना कोई दिन देखा ना कोई रात बस सेवा में लगे रहे आज जब जरूरत खत्म होती दिखाई दी तो कर्मचारियों को हटाने के लिए लिस्ट बना दी गई जबकि ना तो किसी का कोई ट्रेक रिकॉर्ड चेक करवाया गया ना अटेंडेंस चेक करवाई गई न क्वालिफिकेशन चेक करवाई गई और ना ही किसी प्रकार का कोई टेस्ट लिया ना कोई नोटिस दिया गया ऐसे में हमारी सरकार व जिला प्रशासन नगर निगम गुरुग्राम से यही मांग है कि निकाले गए सभी कर्मचारियों को उनकी नौकरी पर वापस लिया जाए। Post navigation किसानों के लिए लाए गए अध्यादेश मौत का फरमान है : राज्यसभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता सरकार रोज़गार दे रही है या छीन रही है?