– डॉ शिव सिंह रावत

डॉ शिव सिंह रावत, आईआईटी दिल्ली एलुमनी और अधीक्षण अभियंता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, गुरुग्राम ने कहा कि शिक्षा समाज की आत्मा है और यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती है। शिक्षा ऐसी चीज है जिसे कोई आपसे छीन नहीं सकता है। यह भविष्य का पासपोर्ट है। क्योंकि आने वाला कल उनका होगा जो आज इसकी तैयारी करता है। शिक्षा की गुणवत्ता ही राष्ट्र के भविष्य को तय करती है। 21 वीं सदी ज्ञान और न्यू एज लर्निंग का युग है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP- 2020) भारत के बच्चों और विशेष रूप से लड़कियों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्कूल शिक्षा में संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करती है।

डॉ शिवसिंह रावत ने आगे बताया कि आईआईटी दिल्ली एलुमनाई द्वारा विकसित  VidhyaApp  नव भारत के युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एवं  कोरोना महामारी के समय में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एक डिजिटल मीडिया है। यह भारत को आत्मनिर्भर  बनाने की दिशा में एक छोटा कदम है।

डॉ रावत “Digitally Enabling Mewat schools by VidhyaApp developed by IIT Delhi Alumni ” विषय पर आयोजित एक वेबीनार में मेवात जिले के शिक्षा अधिकारीयों को संबोधित कर रहे थे। 

डॉ रावत ने बताया कि हरियाणा राज्य में साक्षरता दर 76% है और महिला साक्षरता दर 66% है। पलवल और मेवात जिलों में साक्षरता दर क्रमशः 69% और 54% है। अगर हम महिला साक्षरता दर को देखें तो यह क्रमशः 50% और 37% है। बहुत बड़ा अंतर है और यह आधुनिक भारत के लिए चिंता का विषय है। इसके अलावा, जैसा कि हम जानते हैं कि मेवात को नीति अयोग द्वारा एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट घोषित किया गया था क्योंकि मेवात देश के सबसे पिछड़े जिले में से एक है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, हमने सरकारी स्कूलों के छात्रों को विद्या ऐप द्वारा मुफ्त गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के लिए आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों के साथ एक पहल की है। यह एप शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और छात्रों को कोरोना जैसी भयानक महामारी के इन कठिन समय के दौरान भी ऑनलाइन सीखने के लिए उपलब्ध है। यह पहल पिछले हफ्ते पलवल जिले से शुरू की गई थी और इसे हरियाणा और फिर पूरे भारत में लॉन्च किया जाएगा। हमारा उद्देश्य देश के गरीब तबके के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है।

विद्या एप के संस्थापक गौरव गोयल ने शिक्षा अधिकारियों को समझाया कि ऐप में वीडियो के रूप में  एनसीईआलटी NCERT और सभी शैक्षिक बोर्डों की गुणवत्ता की सामग्री है। ऐप में यूपीएससी, बैंकिंग, कैट, जीआरई, जीमैट, जेईई,आईआईटी, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए वीडियो भी हैं। अंग्रेजी बोलने के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। छात्रों को प्रेरित करने के लिए विशेष रूप से  वीडियो तैयार किए गए हैं। गौरव ने सभी को प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और फिर शिक्षक और छात्र ऐप पर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, वे किसी भी वर्ग के किसी भी विषय के सभी अध्यायों के वीडियो प्राप्त कर सकेंगे। वीडियो देखने के बाद बच्चों को टेस्ट भी देना होगा। अंकों के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। पुरस्कार और छात्रवृत्ति के रूप में टॉपर छात्रों को प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि छात्रों को पढाई के लिए प्रेरित किया जा सके। सभी छात्रों को प्रमाण पत्र भी जारी किए जाएंगे।

गौरव ने आगे विस्तार से बताया कि विद्या ऐप ने उत्तराखंड सरकार के साथ सरकारी स्कूलों में मुफ्त गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए समझौता किया है। विद्या एप ने विभिन्न एनजीओ जैसे CRY Ngo, NEEV- आईआईटी  दिल्ली एलुमनाई पहल, 91- स्प्रिंग बोर्ड -accelerators, उडिन, इंडस शांति फाउंडेशन और केबीसी संस्थापलवल के साथ सहयोग किया है ताकि विद्या ऐप और अन्य सामाजिक गतिविधियों को लागू करने में सहयोग और समन्वय किया जा सके। पलवल और मेवात के कई स्कूल विद्या ऐप में शामिल हो गए हैं। वेबिनार में लगभग 100 शिक्षक / प्राचार्य / मुख्याध्यापक और अन्य शिक्षाविदों ने भाग लिया।

अनूप जाखड़, जिला शिक्षा अधिकारी मेवात ने  अपने विचार व्यक्त किए और सरकार द्वारा मेवात में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया की पिछले दो सालों में मेवात के स्कूलों का रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। उन्होंने वेबीनार में अपने सुझाव भी दिए जिसे गौरव गोयल ने अपने सिस्टम में लागू करने का वचन दिया। अन्त में अनूप जाखड़ ने डॉ शिव सिंह रावत, गौरव गोयल के शिक्षा के क्षेत्र में इस नेक काम को मेवात जिले में लागू करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद किया। और पूरा आश्वासन दिया की वह इस मिशन को सफल बनाने में पूरी कोशिश करेंगे।

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