गुरुग्राम 21 सितंबर। कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए वर्चुअल माध्यम से योग सत्र का आयोजन भी शुरू किया गया है ताकि वेयोग क्रियाएं करके अपने शरीर की बिमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमताबढ़ाकर जल्द कोरोना को मात दे सकें और स्वस्थ हो सकें। उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि जिला आयुष विभाग ने होमआइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए एक घंटे का योग सैशन वर्चुअल माध्यम से शुरूकिया है। इस दौरान होम आइसोलेशन में रहे रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को उनयोग क्रियाओं की जानकारी दी जाती है जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा वे जल्दी इस बीमारी से रिकवर कर पाएं। यह वर्चुअल योग सैशन प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एकघंटे के लिए योग प्रशिक्षक भूदेव द्वारा करवाया जाता है। इस दौरान कोरोनासंक्रमित मरीजों के लिए उपयोगी योग आसन करने की विधि बताई जाती है और उन्हेंये आसन करके भी दिखाए जाते हैं। जिला आयुष अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने इससंबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास संबंधी आसन बीमार व्यक्ति के लिए संजीवनी बूटी के समान हैं जो बीमारियों को ठीक करने केसाथ साथ हमारे जीवन को तनावमुक्त बनाता है। इनका चयन सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। उन्होंने बताया कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। यदि लोग नियमित दो आसन -‘उष्टरासन‘ और ‘मरकट‘आसन करें या कुछ फेफड़ों व पेट से जुड़े आसन जैसे- ‘उत्थान मंडूक‘ आसन तथाप्राणायाम में 5 मिनट कपालभाति करें तो वे स्वयं को निरोग बना सकते हंै। योगाचार्य भूदेव का कहना है कि हर व्यक्ति को उज्जाई प्राणायाम कमसे कम दो मिनट जरूर करना चाहिए। इससेव्यक्ति को बुखार नही आएगा। उज्जाई प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकासहोता है जिससे बुखार आने की सम्भावना कम हो जाएगी । बुखार नही आना इस कोरोना काल में व्यक्ति केलिए बहुत राहत की बात है। उज्जाई प्राणायाम व उत्थानमडूक आसन फेफड़ों के लिएकाफी लाभदायक है और इनसे शरीर में आॅक्सीजन लेवल भी संतुलित रहता है। इन आसनोंमें गले से सांसों को खींचते हुए थोड़ी थोड़ी आवाज निकालनी होती है। -यदि 10- 10 मिनट के दो क्रम अनुलोम-विलोम व प्राणायामकरेंगें तो निश्चित ही व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रख सकता है। प्राणायाम व्यक्ति केशरीर व मन में बेहतर तालमेल बिठाता है। पेट व फेफडों की क्रियाएं ठीक होने से शरीरकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। यह योग नियमित तौर पर करना अत्यंतलाभकारी है। यदि नाक के रोगों से परेशान व्यक्ति नेति और प्राणायाम करें। इससेव्यक्ति को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। Post navigation जलभराव की समस्या के समाधान बारे गठित कमेटी ने किया विभिन्न स्थानों का दौरा वल्र्ड कार फ्री डे पर गोल्फ कोर्स रोड़ पर हुआ गुरूग्राम साइकलोथॉन का भव्य आयोजन