लघु केंद्र खोलने के लिए भारत सरकार देगी 5 लाख रूपए की एक मुश्त आर्थिक सहायता – पूर्व चैम्पियन खिलाड़ियों को स्थापित करने का है लक्ष्य, साथ में उभरते खिलाड़ियों को मिलेगा उनके अनुभव का लाभ – ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेलों के खोले जा सकते हैं लघु केंद्र, सरकार ने प्रस्ताव आमंत्रित किए

गुरूग्राम, 16 सितंबर। खेलों को बढावा देने के लिए सरकार ने रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत पिछले 5 वर्षों में जिला की जिन संस्थाओं ने खेेलों को बढावा देने का कार्य किया है या राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चैम्पियन रह चुके खिलाड़ी अब खेलो इंडिया लघु केंद्र खोल सकते हैं। इन केंद्रों को खोलने के लिए भारत सरकार ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, जिनके लिए सरकार एक मुश्त 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद भी देगी। 

 भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा खेलों इंडिया योजना के अंतर्गत खेलों को बढावा देने के लिए शुरू की जा रही ‘खेलों इंडिया लघु केंद्र योजना’ की जानकारी देते हुए उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए खेलों इंडिया लघु केंद्र का संचालन पूर्व चैम्पियन खिलाड़ी द्वारा किया जाएगा ताकि उसके लिए यह आय का साधन बन सके। इससे जहां एक ओर पूर्व चैम्पियन खिलाड़ी अपने आप को स्थापित कर पाएंगे वहीं दूसरी ओर उनके खेल अनुभव का लाभ उभरते नए खिलाड़ियों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में खोले जाने वाले लघु केंद्रों में ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेलों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें आर्चरी, ऐथलैटिक्स, बाॅक्सिंग, बैडमिंटन, साईकलिंग, फैंसिंग, हाॅकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग तथा कुश्ती शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फुटबाॅल व अन्य परम्परागत खेलों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। 

खेलों इंडिया लघु कंेद्र योजना के तहत पूर्व चैम्पियन खिलाड़ियों द्वारा नए उभरते खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए शुल्क भी पूर्व चैम्पियन खिलाड़ी प्रशिक्षु खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं। चयनित खेलो इंडिया केंद्र को चार वर्षों के लिए भारत सरकार द्वारा एक मुश्त राशि 5 लाख रूपए की राशि खेल के मैदान के रख-रखाव, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। चार वर्षाें के बाद प्रशिक्षक चैम्पियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वे स्वयं के संशाधनों से अपने केंद्र का संचालन निरंतर कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा इस योजना के तहत देश में एक हजार लघु कंेद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है।  

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