गुरुग्राम । विश्व भाषा अकादमी (रजि) के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने जम्मू कश्मीर में हिंदी को राजभाषा बनाने के सरकारी फैसले को सही बताते हुए केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है । वे यहां अकादमी की गुरुग्राम इकाई के तत्वावधान में आयोजित डिजिटल ‘अखिल भारतीय हिंदी एवं लघुकथा संगोष्ठी’ को सम्बोधित कर रहे थे ।

अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा के  सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता तमिलनाडु के डॉ. बी.एल.आच्छा ने की, जबकि मध्यप्रदेश से डॉ. पुरुषोत्तम दुबे मुख्य अतिथि के रूप में, दिल्ली से लघुकथा लेखक बलराम अग्रवाल, मध्यप्रदेश से अंतरा करवड़े, डॉ. वसुधा गाडगिल विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए । संचालन शिक्षिका डॉ. बीना राघव ने किया ।

इस अवसर पर विश्व भाषा अकादमी के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद जम्मू कश्मीर में हिंदी, कश्मीरी और डोगरी भाषा को वहां की राजभाषा बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है । जबकि उर्दू और अंग्रेजी भाषा को पहले से ही राजभाषा का दर्जा प्राप्त है ।

इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर से डॉ. आदर्श प्रकाश,  सरिता सुराणा (तेलंगाना), डॉ. रथीश कुमार आर (केरल), जगदीश राय कुलरियाँ (पंजाब), दिल्ली से अंजू खरबंदा, हरियाणा से अनघा जोगलेकर, कृष्णा जैमिनी, दिव्या शर्मा, कान्ता गोगिया, दुर्गा सिन्हा, सविता स्याल, सविता गुप्ता आदि एवं अन्य साहित्यप्रेमी विमल शुक्ला,  गणेश दत्त बजाज, रुचा, दीपक, अंजू सिंह, गुरुसेवक सिंह संधु आदि शामिल हुए ।

One thought on “जम्मू कश्मीर में हिंदी को राजभाषा बनाना सही: मुकेश शर्मा”
  1. हार्दिक बधाई?? और शुभकामनाएँ

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